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जीवन में कुछ करने के जुनून से छोड़ी नौकरी, महिलाओं के लिए किया संघर्ष और अब पहुंची राज्यसभा…कुछ ऐसी है स्वाती मालीवाल की कहानी

By शिव मौर्या 
Updated Date

Swati Maliwal Story: डर के साये में रहने के बाद भी दिल लगाकर पढ़ाई की ताकि जीवन में सही मुकाम पर पहुंच सकें। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद अच्छी जॉब मिली लेकिन समाज के लिए कुछ कर गुजरने के जज्बे के चलते उन्होंने नौकरी छोड़ दी। नौकरी छोड़कर वो ‘परिवर्तन’ नामक सामाजिक संस्था से जुड़ गईं। हालांकि, इसके बाद वो अन्ना आंदोलन से जुड़ीं। इसके बाद उन्होंने महिलाओं के लिए मुखर होकर आवाज उठाई और आज राज्यसभा तक पहुंच गईं। हम बात कर रहे हैं आप के नवनि​र्वाचित राज्यसभा सांसद स्वाती मालीवाल के बारे में…

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बहुराष्ट्रीय कम्पनी में मिली नौकरी को छोड़ा
स्वाति का जन्म 15 अक्तूबर 1984 को ग़ाज़ियाबाद, उत्तर प्रदेश में हुआ था। वह एमिटी इंटरनेशनल स्कूल गईं तथा जेएसएस एकेडमी ऑफ टेक्निकल एजुकेशन से उन्होंने सूचना प्रौद्योगिकी में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्हें एक बहुराष्ट्रीय कंपनी मं नौकरी भी मिली लेकिन उन्होंने नौकरी को छोड़ दिया था।

केजरीवाल सरकार बनने के बाद बनी महिला आयोग की अध्यक्ष
स्वाति मालीवाल ने अन्ना आंदोलन में अहम भूमिका निभाई थी। इसके बाद वो अरविंद केजरीवाल के करीबियों में शामिल हों गईं। स्वाति मालीवाल सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे और अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाले इंडिया अगेंस्ट करप्शन आंदोलन की एक प्रमुख सदस्य थी। 2015 में अरविंद केजरीवाल की सरकार बनने के बाद स्वाति को दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। दिल्ली महिला आयोग में शामिल होने से पहले स्वाति मालीवाल ने जन शिकायतों पर दिल्ली के मुख्यमंत्री के सलाहकार के रूप में काम किया था।

महिलाओं के लिए मुखर होकर उठाई आवाज
दिल्ली महिला आयोग के अध्यक्ष रहते हुए स्वाती मालीवाल ने महिलाओं के मामले में मुखर होकर आवाज उठाई। मणिपुर में हिंसा के दौरान वहां पर पीड़ित महिलाओं से मिलने के लिए पहुंची थीं। इसके साथ ही उन्होंने मणिपुर की कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठाए थे।

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2020 में पति से हुआ था तलाक
स्वाति मालीवाल और नवीन जयहिंद की मुलाकात अन्ना आंदोलन के दौरान हुई थी। इसके बाद 23 जनवरी 2013 को स्वाति से उनकी शादी हुई थी और वर्ष 2020 में तलाक हो गया था।

AAP ने भेजा राज्यसभा
आम आदमी पार्टी ने स्वाती मालीवाल को राज्यसभा भेजा है। उन्होंने बीते दिनों नामांकन दाखिल किया था, जबकि शुक्रवार वो निर्विरोध निर्वाचित हुईं। राज्यभा के सदस्य के रूप में निर्वाचित होने के बाद उन्होंने कहा, आज से नयी ज़िम्मेदारी की शुरुआत हो रही है। हज़ारों महिलाएं आज हौसला बढ़ाने आईं। सभी दिल्लीवासियों को विश्वास दिलाती हूं कि सच्ची श्रद्धा और ईमानदारी से आपकी सेवा करूंगी।

 

 

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