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योगी सरकार 143 करोड़ से 913 स्कूलों और 348 आंगनवाड़ी केंद्रों की बदलेगी सूरत

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। यूपी (UP) के 100 पिछड़े नगरों में विकास को गति देने के लिए योगी सरकार (Yogi Government) ने आकांक्षी नगर योजना शुरू की है। इसके अंतर्गत पिछड़े नगरों में मौजूद स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों (Anganwadi Centers)  का सबसे पहले कायाकल्प किया जाएगा। मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश के 100 आकांक्षी नगरीय निकायों में मौजूद 913 स्कूलों को जहां अपग्रेड किया जाएगा।  वहीं 25 नये विद्यालय भी शुरू किये जाएंगे। इसके अलावा आकांक्षी नगरीय निकायों में मौजूद किराये के अथवा अन्य सरकारी भवनों में संचालित हो रहे 348 आंगनवाड़ी केंद्रों के लिए नये भवनों का निर्माण कार्य होगा। योगी सरकार इन सभी कार्यों के लिए 143 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करेगी।

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स्कूलों के अपग्रेडेशन और नये भवनों के निर्माण की बात करें तो वित्तीय वर्ष 2024-25 में 100 आकांक्षी नगरीय निकायों में 398 स्कूलों में अतिरिक्त कक्षाओं की व्यवस्था की जाएगी। योगी सरकार इसके लिए प्रति स्कूल 9.27 रुपये लाख और कुल 36.89 रुपये करोड़ खर्च करेगी। वहीं 913 स्कूलों में स्मार्ट क्लास की व्यवस्था के लिए 2.5 लाख रुपये और कुल 22.87 रुपये करोड़ खर्च करेगी। इसी प्रकार स्मार्ट क्लास के फर्नीचर के लिए योगी सरकार कुल 6.56 रुपये करोड़ खर्च करेगी। यही नहीं 25 नये सीएम अभ्युदय कंपोजिट स्कूलों को भी शुरू किया जाएगा। इसके लिए प्रति स्कूल 1.42 रुपये करोड़, जबकि कुल 35.5 रुपये करोड़ खर्च किये जाएंगे। इस प्रकार स्कूलों के अपग्रेडेशन और नये स्कूलों को खोलने के लिए योगी सरकार 101.83 करोड़ रुपये खर्च करेगी।

वहीं आंगनवाड़ी केंद्र को लेकर भी मुख्यमंत्री के निर्देश पर अलग से कार्ययोजना तैयार की गई है। प्रदेश के 100 पिछड़े नगरीय निकायों में ऐसे 348 आंगनवाड़ी केंद्र, जो किराये के भवनों या फिर अन्य शासकीय भवनों में संचालित हो रहे हैं, उनके लिए नये भवन बनाए जाएंगे। इनमें 59 केंद्र किराये के भवनों में चल रहे हैं वहीं, 289 केंद्र अन्य भवनों में संचालित हो रहे हैं। योगी सरकार प्रति आंगनवाड़ी केंद्र लगभग ₹12 लाख और कुल ₹41.20 करोड़ खर्च करेगी।

बता दें कि योगी सरकार (Yogi Government) ने प्रदेश के 38 जिलों के 100 नगरीय निकायों को आकांशात्मक श्रेणी में रखा है। इनमें अलीगढ़ में 5, एटा में 1, हाथरस में 1, कासगंज में 1, अयोध्या में 2, अंबेडकर नगर में 1, बाराबंकी में 1, सुल्तानपुर में 1, आजमगढ़ में 2, बलिया में 3, मऊ में 2, शाहजहांपुर में 2, बस्ती में 9, संत कबीर नगर में 3, सिद्धार्थनगर में 4, बांदा में 1, बहराइच में 4, बलरामपुर में 1, गोंडा में 3, देवरिया में 6, गोरखपुर में 2, कुशीनगर में 5, महाराजगंज में 4, फरुखाबाद में 2, कानपुर देहात में 2, लखीमपुर खीरी में 2, लखनऊ में 2, रायबरेली में 1, उन्नाव में 2, बुलंदशहर में 1, सोनभद्र में 2, मुरादाबाद में 1, रामपुर में 3, फतेहपुर में 3, कौशाम्बी में 2, प्रतापगढ़ में 10, प्रयागराज में 1 और जौनपुर में 2 नगरीय निकायों को आकांक्षात्मक नगरीय निकाय की श्रेणी में रखा गया है।

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