Bharat Jodo Nyay Yatra: कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ बिहार के किशनगंज पहुंच गई है। बिहार के किशनगंज में भारत जोड़ो न्याय यात्रा के पहुंचने के बाद राहुल गांधी ने जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा, पिछले साल हमने कन्याकुमारी से कश्मीर तक ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की थी। लोगों ने हमसे पूछा कि इस यात्रा का लक्ष्य क्या है और इसे आप पैदल क्यों कर रहे हैं? हमने कहा-देश में RSS-BJP की विचारधारा ने हिंसा और नफरत फैला रखी है। इसलिए हमने ‘नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान’ खोलने के लिए यह यात्रा निकाली। हिन्दुस्तान की राजनीति पर इस यात्रा का बहुत बड़ा असर पड़ा था।
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राहुल गांधी ने कहा, BJP ने देश के सामने नफरत और हिंसा की विचारधारा रखी है, उसके खिलाफ हम मोहब्बत की विचारधारा लेकर आए हैं। नफरत को नफरत नहीं काट सकती, नफरत को सिर्फ मोहब्बत से ही खत्म किया जा सकता है। एक तरफ BJP-RSS के लोग नफरत से देश को बांटने की बात करते हैं, वहीं दूसरी तरफ हम मोहब्बत की बात करते हैं।
उन्होंने कहा, जब हमने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ पूरी की, तब कई लोगों ने हमसे कहा कि एक यात्रा नॉर्थ ईस्ट से लेकर महाराष्ट्र तक होनी चाहिए। जिसके बाद हमने ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ निकाली। इस यात्रा की शुरूआत मणिपुर से हुई, जहां हमने BJP की विचारधारा को अपनी आखों से देखा। मणिपुर को 2 भागों में बांट दिया गया है और भाई को भाई से लड़ाया जा रहा है। वहां अभी भी हिंसा जारी है। लेकिन हिन्दुस्तान के प्रधानमंत्री आज तक मणिपुर नहीं गए।
जनसभा को संबोधित करते हुए इसके साथ कहा, इस यात्रा में हमने ‘न्याय’ शब्द जोड़ दिया है।
आज के हिन्दुस्तान में गरीब व्यक्ति को आर्थिक और सामाजिक न्याय नहीं मिल रहा है। इस कारण देश प्रगति नहीं कर पा रहा है। मोदी सरकार खेती और मजदूरी करने वालों की मदद नहीं करती, उनके लिए बैंक के दरवाजे बंद रहते हैं। लेकिन चुनिंदा अरबपतियों के लिए सरकार के सारे दरवाजे खुले होते हैं।
मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा, हिन्दुस्तान की सरकार को 90 अफसर चलाते हैं, देश के पूरे बजट का निर्णय यही अफसर लेते हैं। लेकिन इन 90 अफसरों में OBC वर्ग के सिर्फ 3 लोग हैं। इसलिए हमने सामाजिक न्याय के लिए एक क्रांतिकारी काम करने का निर्णय लिया है। पूरे देश को पता चलना चाहिए कि हिन्दुस्तान में कितने OBC, दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक वर्ग के लोग हैं। इसलिए जाति जनगणना बेहद जरूरी है।
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