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5 डी देश की विकास यात्रा में लाभकारी, हमारा सपना है कि 2047 तक भारत विकसित राष्ट्र बने : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

By संतोष सिंह 
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लखनऊ। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Droupadi Murmu) ने कहा कि भारत के पास 5 डी (डिमांड, डेमोग्राफी, डेमोक्रेसी, डिजायर व ड्रीम) है, जो देश की विकास की यात्रा में लाभकारी है। उन्होंने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था एक दशक पहले 11वें पायदान पर थी। आज पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और 2030 तक यह तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर अग्रसर है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Droupadi Murmu) ने कहा कि भारत दुनिया के सबसे युवा देशों में से एक है। यहां 55 फीसदी से अधिक आबादी 25 वर्ष से कम उम्र की है। भारत प्रगतिशील व लोकतांत्रिक राष्ट्र है। हमारा सपना है कि 2047 तक भारत विकसित राष्ट्र बने। आप भी न केवल इस विजन के भागीदार बनें, बल्कि इसे पूरा करने के लिए सर्वस्व लगा दें। हमें प्रतिज्ञा करनी होगी जब भारत आजादी के 100 वर्ष पूरा कर रहा हो, तब आने वाली पीढ़ियां ऐसे भारत में जन्म लें, जो संपन्न-समृद्ध हो और जहां विकास समावेशी हो।

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ये बातें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Droupadi Murmu) ने मंगलवार को भारतीय सूचना प्रौद्यागिकी संस्थान (आईआईआईटी) लखनऊ (IIIT Lucknow) के द्वितीय दीक्षांत समारोह (2nd convocation) में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कही। उन्होंने मेधावियों को डिग्री व मेडल प्रदान करते हुए पदक पाने वाले विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

संस्थान के आदर्श वाक्यों के अनुकूल आचरण कार्य करे युवा पीढ़ी

राष्ट्रपति ने ‘विद्यां ददाति विनयम्, विनयाद् याति पात्रताम। पात्रत्वात् धनमाप्नोति धनात् धर्मं ततः सुखम श्लोक सुनाया और कहा कि विद्या विनय देती है और विनय से पात्रता आती है। पात्रता से धन, धन से धर्म और धर्म से सुख प्राप्त होता है। उन्होंने आशा जताई कि संस्थान के आदर्श वाक्यों के अनुकूल आचरण करते हुए नैतिकता के साथ समाज व देश के सशक्त व समृद्ध भविष्य के लिए कार्य करेंगे।

मानव जीवन को आसान बनाने में महत्वपूर्ण साबित हो रहा एआई

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द्रौपदी मुर्मू ( Droupadi Murmu)ने कहा कि परिवर्तन प्रकृति का नियम है। ऑर्टिफिशयल इंटेलिजेंस मानव जीवन को आसान बनाने व उत्पादकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण साधन साबित हो रहा है। अपने व्यापक अनुप्रयोग के साथ एआई और मशीन लर्निंग जीवन के सभी पहलुओं को छू रहा है। हेल्थ केयर, एजूकेशन, एग्रीकल्चर, इंफ्रास्ट्रक्चर, स्मार्ट सिटी, स्मार्ट मोबिलिटी व ट्रांसपोर्टेशन आदि क्षेत्रों में एआई और मशीन लर्निंग हमारी दक्षता व कार्यक्षमता में व्यापक स्तर पर सुधार के अनेक अवसर प्रस्तुत कर रहा है।

 उत्पन्न नैतिक दुविधाओं का निराकरण सबसे पहले हो एआई प्रयोग

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत सरकार ने 2018 में एआई के लिए राष्ट्रीय रणनीति प्रकाशित की थी। यूपी सरकार ने भी प्रमुख शहरों को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी हब के रूप में विकसित करने के लिए योगदान प्रारंभ किया है। एआई व अन्य समकालीन तकनीकी विकास असीमित, अभूतपूर्व डवलपमेंटल एवं ट्रांसफरमेटिव संभावनाएं प्रदान करता है। आवश्यक है कि एआई प्रयोग के साथ उत्पन्न नैतिक दुविधाओं का निराकरण सबसे पहले हो। चाहे आटोमेशन के कारण उत्पन्न रोजगार की समस्या हो या आर्थिक असमानता की चौड़ी होती खाई या फिर एआई के परिणामों में आने वाले मानवीय पूर्वाग्रह, हमें हर समस्या के लिए रचनात्मक हल ढूंढना होगा। सुनिश्चित करना होगा कि एआई के साथ इमोशनल इंटेलिजेंस को भी महत्व दें। एआई साध्य नहीं, बल्कि साधन है। जिसका उद्देश्य मानव जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने में हो। हमारे प्रत्येक निर्णय से सबसे निचले पायदान पर खड़ा व्यक्ति भी लाभान्वित हो।

आप उत्कृष्टता व सर्वश्रेष्ठता के ऐसे आयाम स्थापित करें, जो स्वयं में मापदंड हों

राष्ट्रपति ने कहा कि आईआईआईटी लखनऊ को संसद के अधिनियम द्वारा इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल इंपार्टेंस का दर्जा दिया गया है। यह योग्यता, सामर्थ्य व दक्षता का परिचायक है। देश और समाज आशा करता है कि आप शिक्षा के क्षेत्र में न केवल सर्वोच्च मानकों पर खरे उतरेंगे, बल्कि उत्कृष्टता व सर्वश्रेष्ठता के ऐसे आयाम स्थापित करेंगे, जो स्वयं में मापदंड होंगे। इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी व बिजनेस जैसे विषयों में आईआईआईटी द्वारा प्रदान की जाने वाले शिक्षा, शिक्षा प्रदान करने वाले शिक्षक व शिक्षा ग्रहण करने वाले सभी विद्यार्थी शैक्षणिक जगत के शीर्षतम पायदान पर खड़े हैं।

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क्षेत्रीय भाषाओं में ज्ञानार्जन की सोच सकारात्मक कदम

राष्ट्रपति ने कहा कि आईआईआईटी को भारतीय परंपरा को बुनियाद बनाकर क्षेत्रीय भाषाओं में ज्ञानार्जन की सोच सकारात्मक कदम है। यह भाषायी सीमाओं की वजह से ज्ञान संवर्धन में आने वाली बाधाओं को दूर करने में बड़ा कदम साबित होगी। अनुसंधान व विकास को मूर्त रूप देकर समाज तक पहुंचाने व वास्तविक दुनिया की चुनौतियों के समाधान योग्य बनाने के लिए इंक्यूबेशन सेंटर की (सीआरईएटीई) की स्थापना सराहनीय है। आईआईआईटी लखनऊ समाज व उद्योग जगत के सामने आने वाली चुनौतियों व समय के साथ उपजी मांगों के लिए विद्यार्थियों को तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध है। दूरदर्शिता व कल्पनाशीलता का उदाहरण है कि यह देश का पहला संस्थान है कि जिसने नई शिक्षा नीति के विजन को ध्यान में रखते हुए डिजिटल बिजनेस के लिए एमबीए कार्यक्रम शुरू किया। यह पहल विद्यार्थियों को न केवल डिजिटल युग के लिए तैयार करने में सहयोगी साबित हुई है, बल्कि डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण के अनुकूल भी है। दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति/राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, आईआईआईटी लखनऊ चेयरमैन बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष विशद पद्मनाभ मफतलाल, आईआईटी लखनऊ के निदेशक डॉ. अरुण मोहन शैरी आदि उपस्थित रहे।

डाटा सेंटर का हब बन रहा है उत्तर प्रदेश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश डाटा सेंटर का हब बन रहा है। उन्होंने कहा कि फरवरी 2023 में आयोजित हुए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से प्रदेश को 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इसमें कई प्रस्ताव सेमीकंडक्टर बनाने की इकाई और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के विकास से संबंधित हैं। हमारे युवा इस क्षेत्र में अपना करियर बना सकते हैं। सीएम योगी ने कहा कि पिछले साढ़े नौ वर्षों में भारत ने अपनी युवा ऊर्जा के लिए संभावनाओं के द्वारा खोले हैं। इसी का नतीजा है कि हर क्षेत्र में देश की तस्वीर बदली है।

सीएम योगी भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी) के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी मौजूद रहीं। समारोह को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि भारत आज दुनिया के अंदर एक बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरता हुआ दिखाई दे रहा है। सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2027 तक भारत की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर की बनाने का संकल्प देशवासियों के सामने रखा है। उत्तर प्रदेश भी उस लक्ष्य के साथ 1 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने की दिशा में अग्रसर है। सीएम योगी ने कहा कि आज तकनीक के माध्यम से भ्रष्टाचार पर प्रहार किया जा रहा है।

सीएम योगी ने कहा कि तकनीक और डिजिटाइजेशन से ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और ईज ऑफ लिविंग के लक्ष्य को प्राप्त करने में बहुत आसानी हुई है। उन्होंने कहा कि धर्म का मतलब केवल उपासना विधि से नहीं है। भारतीय मनीषा ने अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने और नैतिक मूल्यों के प्रति जागरुक रहने को धर्म माना है। तैत्तिरीय उपनिषद में इस बात का उल्लेख है,‘सत्यं वद धर्मं चर’ यानी सत्य बोलो, धर्म का आचरण करो। सीएम योगी ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके डिजिटल हॉस्पिटल की दिशा में हम कदम बढ़ा सकते हैं। इससे ग्रामीण और रिमोट एरिया में रहने वाले लोगों के जीवन में परिवर्तन ला सकते हैं।

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315 छात्र-छात्राओं को प्रदान की गईं डिग्रियां 

समारोह में 315 छात्र-छात्राओं को डिग्रियां प्रदान की गईं। बीटेक इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी पाठ्यक्रम के 2018 सत्र के 65 विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की गईं। साथ ही वर्ष 2019 बैच के बीटेक इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और कंप्यूटर साइंस पाठ्यक्रम के कुल 147 स्टूडेंट्स को डिग्री दी गई। इसके अलावा 2020 बैच के कंप्यूटर साइंस पाठ्यक्रम के 23 स्टूडेंट्स को डिग्री प्रदान की गई। साथ ही एमटेक कंप्यूटर साइंस 2021 बैच के 27, एमबीए डिजिटल बिजनेस 2020 बैच के 22 और 2021 बैच के 20 स्टूडेंट्स को डिग्री दी गई। वहीं पीजी डिप्लोमा इन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड मशीन लर्निंग में वर्ष 2020 और 2021 के दो स्टूडेंट्स को डिग्री प्रदान की गई। पीजी डिप्लोमा इन डाटा साइंस के सत्र 2020 व 2021 के तीन स्टूडेंट्स और पीजी डिप्लोमा इन बिजनेस स्टडी के सत्र 2020 और 2021 के छह स्टूडेंट्स को डिग्री दी गई।

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