नई दिल्ली। हिमाचल के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल (Governor Shiv Pratap Shukla) ने कहा कि तीन निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे मंजूर करने के मामले पर वह कोई निर्देश जारी नहीं कर सकते हैं। वह केवल सलाह ही दे सकते हैं, क्योंकि यह विधानसभा अध्यक्ष (Assembly Speaker) के अधिकार क्षेत्र का मामला है। तीनों निर्दलीय विधायकों को भी उन्होंने यही कहा है कि यह केवल विधानसभा अध्यक्ष का अधिकार क्षेत्र है। गुरुवार को मीडिया से बातचीत करते हुए राज्यपाल बोले कि तीनों निर्दलियों ने पहले इस्तीफा विधानसभा सचिव को दिया और उसके बाद अध्यक्ष को भी व्यक्तिगत तौर पर मिलकर दिया। जो इस्तीफा अध्यक्ष को दिया गया है, उसकी एक प्रति तीनों निर्दलियों ने मुझे भी दी है।
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इसलिए ही इसे मैंने स्पीकर को भेजा है और इसमें मध्य प्रदेश और कर्नाटक के मामलों का भी उल्लेख किया है कि वहां पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से इस तरह के निर्णय आए हैं कि इस्तीफे तुरंत स्वीकार किए जाएं। उन्होंने कहा कि अगर विधायक व्यक्तिगत तौर पर स्पीकर को इस्तीफे सौंपते हैं तो यह मंजूर किए जाने चाहिए। उनके ध्यान में कोर्ट के फैसले लाए गए हैं। हालांकि, इस विषय पर वह केवल सलाह ही दे सकते हैं। उनका कोई भी सांविधानिक अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि विधानसभा अध्यक्ष (Assembly Speaker) के निर्णय से असंतोष है तो वे कोर्ट जा सकते हैं। उन्हें इस बात का संतोष है कि स्पीकर ने उन्हें जवाब भी भेजा है, जिसमें कुछ बातें की हैं। पर न्यायालय के फैसलों को देखते हुए वह यह मानते हैं कि यह इस्तीफे मंजूर किए जाने चाहिए।