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Afghanistan: तालिबानी शासन से जिंदगी हुयी कमजोर तो लोग जिगर के टुकड़े का सौदा करने को मजबूर

By अनूप कुमार 
Updated Date

अफगानिस्तान: अफगानिस्तान में तालिबान के नियंत्रण के बाद वहां के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। तालिबान ने क्रूरता की सभी हदे पार कर दी है।अफगानिस्तान में बच्चे, बूढ़े, युवतियां, महिलायें, बीमार लाचार किसी के प्रति भी तालिबान की संवेदना नहीं है। वहां हर तरफ भय,भूख और मजबूरी का माहौल है। लोगों के पास रोजगार नहीं है। अफगानिस्तान में दफ्तरों पर ताले लग रहे हैं। बैंक बंद होने के कगार पर हैं। अफगानिस्तान में हालात इतने मजबूर हो गए हैं कि जिंदगी कमजोर हो गई है। परिवार के गुजारे के लिए बाप को बेटी को बेचने पर मजबूर होना पड़ा।

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खबरों के अनुसार, नौ साल की परवाना मलिक के पिता अब्दुल मलिक ने उसे 55 साल के अधेड़ उम्र के व्यक्ति के हाथों बेच दिया। उनकी मजबूरी सिर्फ इतनी थी कि उनके पास अपने परिवार को पालने के लिए पैसे नहीं बचे थे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 55 साल के कुरबान ने पिछले महीने अपनी नौ साल की बेटी परवाना का सौदा किया था। मीडिया से बात करते हुए अब्दुल मलिक बताते हैं कि उनके परिवार में आठ लोग हैं। सभी पहले भी शिविर में रहकर गुजारा करते थे, लेकिन तालिबान के शासन के बाद से उनकी नौकरियां चली गई हैं। परिवार का पेट भरने के लिए उन्होंने पहले 12 साल की बेटी को बेचा था, अब उन्हें नौ साल की परवाना का भी सौदा करना पड़ा।

खबरों के अनुसार,परवाना के पिता अब्दुल मलिक का कहना है कि परवाना बड़ी होकर शिक्षक बनना चाहती थी, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति के कारण उसके साथ ऐसा हुआ।

तालिबान का शासन होते ही अफगानिस्तान में लड़कियों की सौदेबाजी तेजी से पनप रही है। यह पुरानी परंपरा अफगानिस्तान में फिर से सर उठा रही है।

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