Agra News: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार भू-माफियाओं पर ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है। भूमाफियाओं से छुडाई गई जमीन पर गरीबों के लिए घर बन रहे हैं लेकिन आगरा में सरकारी जमीन पर ही कब्जे का मामला सामने आया है। यहां पर भू-माफिया अधिग्रहित सरकारी भूमि को बेच रहे हैं। अधिकारियों को इसकी जानकारी भी है लेकिन वो खामोश हैं। बताया जा रहा है कि, लंबे समय से भू-माफिया अधिकारियों से सांठगांठ करके इस जमीन को बेचने का काम कर रहा है। मौजूदा समय में उक्त जमीन की कीमत करीब 100 करोड़ रुपये है। सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि उक्त भूमि के एवज में पहले ही वो यूपीएसआईडीसी (औद्योगिक विकास निगम) से मुआवजा ले चुके हैं। बावजूद इस जमीन को वो अब बेचने में जुटे हुए हैं। इस बीच जानकारी आ रही है कि भू-माफिया अब उक्त जमीन की एनसीओसी लेने के लिए विभाग के चक्कर काट रहे हैं।
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बताया जा रहा है कि, खसरा संख्या 94 मौजा ग्राम लखनपुर तहसील व जिला आगरा रकवा 14-05-10 पक्का बीघा भूमि ओम प्रकाश पुत्र भोलाराम अधिग्रहित सरकारी भूमि जिसका अनुमानित वर्तमान मूल्य 100 करोड है। बताया जा रहा है कि, इस जमीन को वर्ष 1979/81 में यूपीएसआईडीसी (औद्योगिक विकास निगम) ने अधिग्रहण करके उसी समय मुआवजे का पूर्ण भूगतान कर दिया था।
बताया जा रहा है कि इस भूमि को यूपीएसआईडीसी द्वारा अपने मानचित्र में कुछ भूमि औद्योगिक प्लॉट और कुछ भूमि रोड में शेष बची भूमि को पार्क में दर्शाया गया है। यूपीएसआईडीसी द्वारा कुछ जमीनों को भी बेंचा गया है। हालांकि, शेष भूमि पर वर्तमान में पार्क बना है। उक्त भूमि सीलिंग (राज्य सरकार) में अधिग्रहित चल रही थी। सूत्रों की माने तो अब भू-माफिया विभाग के अधिकारियों से मिलीभगत करके बड़ा खेला शुरू कर दिया है। अब वो अधिग्रहित सरकारी जमीन को बेचने का काम कर रहे हैं।
आखिर क्यों खामोश है यूपीएसआईडीसी के अधिकारी?
अब सवाल उठ रहा है कि जिस जमीन का यूपीएसआईडीसी मुआवजा दे चुका है उसको लेकर अधिकारी मौन क्यों हैं? बताया जा रहा है कि, भू माफिया उक्त जमीन को बेच रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिरी किसकी सह पर भू माफिया ये सब कर रहा है?