लखनऊ। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 2021-22 की नई आबकारी नीति (New Excise Policy)लागू करने के मामले में कथित भ्रष्टाचार को लेकर मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की गिरफ्तारी की है। सबूत मिटाने, खातों में हेरफेर, भ्रष्टाचार, अनुचित लाभ देने और लेने का आरोप लगाया गया है।
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इसको लेकर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने सोमवार को ट्वीट कर केंद्र की मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाले दिल्ली के उपमुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया (Delhi Deputy Chief Minister and Education Minister Manish Sisodia) को गिरफ़्तार करके भाजपा ने साबित कर दिया है कि भाजपा शिक्षा ही नहीं बल्कि दिल्ली के बच्चों के भविष्य के ख़िलाफ़ भी है। दिल्ली की जनता इसका जवाब अगले लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में भाजपा (BJP) को सातों सीटें हराकर देगी।
दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लानेवाले मनीष सिसोदिया जी को गिरफ़्तार करके भाजपा ने साबित कर दिया है कि भाजपा शिक्षा ही नहीं बल्कि दिल्ली के बच्चों के भविष्य के ख़िलाफ़ भी है। दिल्ली की जनता इसका जवाब अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा को सातों सीटें हराकर देगी।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) February 27, 2023
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मामले में जब भ्रष्टाचार के आरोप लगे तो दिल्ली सरकार ने अपनी नई नीति को ही वापस ले लिया और फिर से निजी हाथों की जगह सरकारी निगमों को शराब बिक्री करने की इजाजत दे गई। यानी कि पूरी योजना को ही सरकार ने वापस ले लिया था। तब से विपक्ष यह सवाल उठा रहा था कि जब आबकारी नीति में भ्रष्टाचार नहीं हुआ था तो पूरी योजना क्यों वापस लेने पर सरकार मजबूर हुई। दाल में कहीं न कहीं काला तो है।
नई आबकारी नीति के तहत सरकार की योजना
दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति 2021-22 पेश की थी। सरकार इस नई नीति के जरिए शराब खरीदने का नया अनुभव देना चाहती थी। सरकारी निगमों से बिक्री को हटा कर निजी हाथों में सौंप दिया गया। होटल के बार, क्लब व रेस्टोरेंट को रात तीन बजे तक शराब परोसने की छूट कुछ नियमों के तहत थी। रेस्टोरेंट व अन्य जगहों के छत व खुली जगह पर शराब परोसने की अनुमति दी गई थी। उपभोक्ता की पसंद को जहां तवज्जो दी गई थी, वहीं दुकानदारों को अपने हिसाब से छूट देने का प्रावधान था। इस वजह से ‘एक बोतल पर एक बोतल मुफ्त’ का भी लाभ दिया गया।
उठा था सवाल