लखनऊ। केंद्र सरकार अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme)को लेकर एक बार फिर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष (Leader of Opposition in UP Assembly) अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने मोदी सरकार (Modi Government) पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने शुक्रवार को एक वीडियो ट्वीट कर कहा कि भाजपा सोचती है कि लोग फ़ौज में नौकरी करने जाते हैं। दरअसल युवा देश-प्रेम के जज़्बे से सेना में जाते हैं, लेकिन ये वो क्या जानें जिन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन तक में हिस्सा ही न लिया हो?
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भाजपा सोचती है कि लोग फ़ौज में नौकरी करने जाते हैं, दरअसल युवा देश-प्रेम के जज़्बे से सेना में जाते हैं, लेकिन ये वो क्या जानें जिन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन तक में हिस्सा ही न लिया हो।
भाजपा सरकार देश को ‘जय जवान जय किसान’ से ‘रुष्ट जवान रुष्ट किसान’ के बुरे हालातों में ले आई है। pic.twitter.com/LswvA6fwPi
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) June 17, 2022
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भाजपा सरकार देश को ‘जय जवान जय किसान’ से ‘रुष्ट जवान रुष्ट किसान’ के बुरे हालातों में ले आई है। उन्होंने कहा है कि ‘अग्निपथ’ से पथ पर अग्नि न हो यानी सड़कों पर आग न लगे, इसका ध्यान रखा जाए। अखिलेश यादव ने देश की सुरक्षा को लेकर भी काफी गंभीर बात कही है। उन्होंने कहा है कि देश की सुरक्षा को लेकर शॉर्ट टर्म नीतियां नहीं बननी चाहिए।
सपा अध्यक्ष ने ट्वीट कर कहा है कि देश की सुरक्षा कोई अल्पकालिक या अनौपचारिक विषय नहीं है। सैन्य भर्ती को लेकर जो खानापूर्ति करने वाला लापरवाह रवैया अपनाया जा रहा है, वह देश और देश के युवाओं के भविष्य की रक्षा के लिए घातक साबित होगा। अग्निपथ से पथ पर अग्नि न हो।
मायावती ने पुनर्विचार की कही बात
बसपा अध्यक्ष मायावती ने भी केंद्र की अग्निवीर भर्ती योजना पर सवाल उठाते हुए कहा है कि इसे लुभावना और लाभकारी बताया जा रहा है। इसके बाद भी देश का युवा वर्ग असंतुष्ट और आक्रोशित है। मायावती ने कहा है कि सेना में जवानों की भर्ती की संख्या को कमी के साथ-साथ मात्र चार साल के लिए सीमित कर रही है, यह अनुचित और गरीब एवं गांव के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। सरकार तुरंत अपने फैसले पर पुनर्विचार करे।
आखिर क्यों हो रहा है विरोध?
अग्निपथ की स्कीम का देश के कई हिस्सों में विरोध शुरू हो गया है। इसका कारण सेना में लंबे समय से रुकी भर्ती प्रक्रिया के शुरू होने के बाद इसके शॉर्ट सर्विस का होना है। सेना में चार सालों के लिए अग्निवीरों का नियोजन होगा। सेना की सेवा से निकलने के बाद युवाओं को अपने करियर की चिंता सताने लगी है। इस मामले को उठाते हुए लोग इसका विरोध कर रहे हैं। साथ ही, आर्मी भर्ती में पुरानी व्यवस्था को लागू करने की मांग की जा रही है।