नई दिल्ली। एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटी ( AIU ) ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी (Al-Falah University) की सदस्यता तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी है। संस्था का कहना है कि पिछले कुछ दिनों के घटनाक्रम यूनिवर्सिटी के आचरण से मेल नहीं खा रहे।
पढ़ें :- अल फलाह यूनिवर्सिटी पर ED की छापेमारी, मालिक और प्रबंधकों पर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप
एआईयू ने अपने बयान में क्या कहा?
एआईयू ने अपने बयान में कहा कि भारतीय विश्वविद्यालय संघ (AIU) के उपनियमों के अनुसार, किसी भी विश्वविद्यालय की सदस्यता तब तक बनी रहती है जब तक वह ‘सद्भावपूर्ण स्थिति’ में होता है। हालांकि, मीडिया में आई खबरों के आधार पर यह जानकारी मिली है कि फरीदाबाद, हरियाणा स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी (Al-Falah University) वर्तमान में अच्छी स्थिति में नहीं प्रतीत होता। इसलिए, एआईयू (AIU) ने निर्णय लिया है कि अल-फलाह विश्वविद्यालय की सदस्यता को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।
AIU क्या है और क्यों है इतनी अहम संस्था?
पढ़ें :- अल-फलाह विश्वविद्यालय की होनी चाहिए जांच- विनोद बंसल प्रवक्ता विश्व हिंदू परिषद
Association of Indian Universities (AIU) भारत की सबसे पुरानी उच्च शिक्षा संस्था है, जो 1925 में स्थापित हुई थी। यह संस्था भारत के सभी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों (केंद्रीय, राज्य, डीम्ड, निजी, ओपन) का प्रतिनिधित्व करती है और विदेशी डिग्रियों की समानता (Equivalence) तय करती है।
AIU की मुख्य जिम्मेदारियां
भारत के सभी विश्वविद्यालयों को एक शैक्षणिक मंच पर लाना।
विदेशी डिग्रियों की भारतीय स्तर पर वैधता तय करना।
यूनिवर्सिटीज के बीच रिसर्च, नीति और खेल सहयोग बढ़ाना।
पढ़ें :- Delhi Blast : आतंक का डॉक्टर उमर दिल्ली धमाके से पहले पहुंचा था मोबाइल शॉप, फरीदाबाद से नया CCTV फुटेज वायरल
विश्वविद्यालयों को सदस्यता, स्पोर्ट्स पार्टिसिपेशन और इंटरनेशनल रिप्रेजेंटेशन देना।
यदि कोई यूनिवर्सिटी विवादों में हो तो उसकी सदस्यता निलंबित या रद्द करना।
अल-फलाह यूनिवर्सिटी की साख और भविष्य पर संकट
अल-फलाह यूनिवर्सिटी फरीदाबाद की प्रतिष्ठित निजी यूनिवर्सिटीज में मानी जाती रही है. लेकिन अब इस विवाद और सदस्यता रद्द होने से यूनिवर्सिटी की अंतरराष्ट्रीय साझेदारियां खत्म होंगी। नए छात्र एडमिशन से कतराएंगे। खेल और रिसर्च फंडिंग प्रभावित होगी और विदेश में डिग्री की वैधता खत्म हो जाएगी। हालांकि, राहत यह है कि UGC और NMC की मान्यता फिलहाल बरकरार है, इसलिए यूनिवर्सिटी की डिग्रियां घरेलू स्तर पर वैलिड रहेंगी।
दिल्ली ब्लास्ट के बाद अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर दोहरी मार पड़ी है। एक तरफ आतंकवादी साजिश के तारों से जुड़ने के आरोप, दूसरी ओर AIU सदस्यता का रद्द होना। यह मामला न सिर्फ एक विश्वविद्यालय के भविष्य बल्कि शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाता है। अब देखना होगा कि अल-फलाह यूनिवर्सिटी खुद को इस संकट से कैसे बाहर निकालती है।