नई दिल्ली। संघ प्रमुख मोहन भागवत (RSS Chief Mohan Bhagwat) ने बीते गुरुवार को पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान देश में सद्भावना की वकालत की। इसके साथ ही खास कर यूपी में मंदिर-मस्जिद को लेकर शुरू हुए नए विवादों पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने हालिया विवादों पर अपनी बात रखते हुए कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद ऐसे विवादों को उठाकर कुछ लोगों को लगता है कि वे ‘हिंदुओं के नेता’ बन जाएंगे।
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मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के ‘हिंदुओं के नेता’ बनने वाले बयान को हर तरफ से समर्थन मिल रहा है। ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड (All India Shia Personal Law Board) ने भागवत के बयान का स्वागत किया है। बोर्ड के महासचिव मौलाना यासूब अब्बास (Board’s General Secretary Maulana Yasoob Abbas) ने कहा कि मस्जिद के नीचे से मंदिर तलाश करना गलत है। आरएसएस प्रमुख का बयान अच्छा माहौल पैदा करेगा। अब्बास ने कहा कि सरकार नेतागिरी चमकाने वालों पर लगाम लगाए। विदेशी ताकते मुल्क के सौहार्द को बिगाड़ रही है। इसके अलावा कांग्रेस समेत कई दलों के नेताओं ने भागवत के बयान को सही बताया है।
राजीव शुक्ला, बोले-भाजपा के लोग इस पर ध्यान देंगे कि ये समाज सबका है, ये देश देश सबका है
मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के बयान पर कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला (Congress MP Rajiv Shukla) ने कहा कि मुझे लगता है भाजपा के लोगों को, विश्व हिंदू परिषद के लोगों को जो मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) जी ने कहा है उस पर ध्यान देना चाहिए। भागवत जी तीसरी बार ये बात दोहरा रहे हैं कि आप जगह-जगह अयोध्या की तर्ज पर मंदिर खोजने लगो, देश में झगड़ा करने लगो, ये उचित नहीं है। ये समाज सबका है। ये देश देश सबका है। शुक्ला ने कहा कि जगह-जगह मंदिर तलाशना, शिवलिंग तलाशना उचित नहीं है।मुझे लगता है कि भाजपा के लोग इस पर ध्यान देंगे। मंदिर के नाम पर दंगे-फसाद करना ये सही नहीं है।
भागवत का बयान बिल्कुल सही: उपेन्द्र कुशवाहा
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NDA की सहयोगी पार्टी आरएलएसपी के अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद उपेन्द्र कुशवाहा (RLSP President and Rajya Sabha MP Upendra Kushwaha) ने संघ सरसंघचालक मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के बयान का समर्थन किया है। कुशवाहा ने कहा कि कोई भी ऐसा मुद्दा जिससे समाज में तनाव पैदा हो या समाज का तानाबाना खराब हो उसको छेड़ने से बचना चाहिए। जिस काम का इंटेंशन ही समाज में तनाव पैदा करना हो उससे बचना चाहिए। कुशवाहा ने कहा कि सरसंघचालक का बयान बिल्कुल सही है।
JMM की सांसद महुआ माझी ने कहा कि क्या मोहन भागवत के इस बयान के बाद ऐसी घटनाएं रुकेंगी?
झारखंड मुक्ति मोर्चा की सांसद महुआ माझी (Jharkhand Mukti Morcha MP Mahua Majhi) ने कहा कि देखिए मोहन भागवत जी ने जो बात कही है वो तो ठीक है, लेकिन जिस तरह से बीजेपी, आरएसएस और वीएचपी के लोग देश भर में जगह-जगह मंदिर ढूंढ रहे हैं। ये हमारे देश के सामाजिक ताना-बाना को बेहद नुकसान पहुंचाने वाला कदम है लेकिन उससे भी बड़ी बात ये है कि क्या मोहन भागवत के इस बयान के बाद ऐसी घटनाएं रुकेंगी और भागवत जी के इस बयान पर ये लोग कितना अमल करते हैं, ये भागवत जी के बयान से ज्यादा महत्वपूर्ण होगा।
राम गोपाल यादव,बोले-कौन मानता है भागवत की बात
समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव (Samajwadi Party leader Ram Gopal Yadav) ने कहा कि मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) जी ने सही कहा है, लेकिन उनकी बात मानता कौन है? यह ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि उनकी बात कोई नहीं मानता।
भागवत की बात नहीं सुन रहे BJP वाले: तन्खा
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कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा (Congress MP Vivek Tankha) ने कहा कि मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) जी ने जो कहा है वो तो सही कहा है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) जी की बात अब बीजेपी के लोग नहीं सुन रहे हैं ? क्या मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) जी निरर्थक हो गए हैं? ये तो बहुत बहुत गंभीर बात है। इसका जवाब जरूर इनलोगों को देना चाहिए।
ये सब प्रयोग जो हुआ है उन्हीं के द्वारा शुरू हुआ था, लेकिन देर आए दुरुस्त आए : सांसद इकरा हसन
भागवत की टिप्पणी पर यूपी की कैराना लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि हैरानी है, लेकिन उनके बयान का स्वागत है। इकरा ने कहा कि हम लोग आश्चर्य में हैं कि वहां से ऐसा बयान आया। पहली बार उनके बयान से इत्तेफाक रखती हूं लेकिन ये भी कहना चाहती हूं कि ये सब प्रयोग जो हुआ है उन्हीं के संघ द्वारा शुरू हुआ था, लेकिन देर आए दुरुस्त आए। बयान देर से आया है, लेकिन इसका स्वागत करते हैं।
वहीं कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि मोहन भागवत जी को ये सलाह उन लोगों को देनी चाहिए जो उनसे विचारात्मक रूप से इत्तेफाक रखते हैं और जो लोग कानून का उल्लंघन करते हैं, उनको सलाह दें।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान का ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने समर्थन किया। बरेलवी मौलाना ने कहा कि हर जगह मंदिर का मसला उठाकर हिंदू नेता बनना ठीक नहीं। बरेलवी उलेमा ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान को सुनने की नसीहत दी। मौलाना ने कहा कि आज के परिपेक्ष्य में इस तरह का बयान आना बड़ी अहमियत रखता है। मौलाना ने कहा कि देश में 2-4 लोग ऐसे असामाजिक तत्व हैं जो देश भर में हर जगह मस्जिद के नीचे मंदिर ढूंढ रहे हैं। हिंदू नेता बनने के लिए ये लोग कोर्ट में मुकदमा तक दायर कर रहे हैं। मौलाना ने कहा कि देश के हर शहर और गांव में एक धर्म के नेता बनने की होड़ सी लगी हुई है। ऐसे लोगों को इस बात की कोई चिंता नहीं है कि इस तरह की गतिविधियों से देश की एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचता है। आपसी भाईचारे के सम्मान को ठेस पहुंचती है।
संघ प्रमुख का नजरिया एकदम साफ
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मौलाना ने कहा क संघ प्रमुख ने इस पर भी अपना नजरिया स्पष्ट किया है कि हर शहर हर गांव में नेता बनने के लिए एक धर्म विशेष की छवि न अपनायें। मौलाना ने कहा कि संघ प्रमुख ने एक समुदाय की बेचैनी और तकलीफ, उनके खिलाफ चलाई जाने वाली मुहिम को भाप लिया है। उनको इस बात का भी एहसास हो गया है कि बाहर की दुनिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बनाई गई भारत की छवि धूमिल हो रही है। भारत के उभरते हुए एक धर्म विशेष के चेहरे से नुकसान पहुंच रहा है।
विष्णु शकंर जैन, हरी शंकर जैन और राखी सिंह को इस बयान को गौर से सुनना चाहिए
इनके बयानों अमल करना जरूरी मौलाना ने आगे कहा कि भारत के दूसरे मजहब के लोगों से यही कहना चाहूंगा कि खासतौर पर विष्णु शकंर जैन, हरी शंकर जैन और राखी सिंह को गौर से इस बयान को सुनना चाहिए। उस पर अमल भी करना चाहिए। धार्मिक विवाद खत्म हो जायेगा और सभी लोग मिलकर देश की तरक्की के लिए काम करेंगे।