लखनऊ। मथुरा-वृंदावन नगर निगम (Mathura-Vrindavnagar Municipal Corporation) पर समाजसेवी ने निविदा में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। लखनऊ में प्रेस कॉफ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि मथुरा-वृंदावन नगर निगम ने ऐसे अयोग्य व्यक्ति को काम दे दिया, जिसके बारे में उसको जानकारी नहीं है। उन्होंने सात करोड़ की इस निविदा को रद्द करने की अपील की। इसके साथ ही किसी योग्य कंपनी को कूड़ा निस्तारण के काम को देने की बात कही।
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समाजसेवी प्रदीप बनर्जी ने ने शनिवार को प्रेस कॉफ्रेंस की। इसमें उन्होंने आरेाप लगाया है कि कूड़ों के निस्तारण के लिए नगर निगम ने जिस कंपनी को काम दिया है, उसके पास काम करने का कोई अनुभव नहीं है। उन्होंने इस मामले में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री से कार्रवाई की मांग की है। इसके साथ ही इस निविदा को रद्द करने की भी अपील की है।
समाजसेवी प्रदीप बनर्जी (Social worker Pradeep Banerjee) ने कहा कि, करीब सात करोड़ के टेंडर में भ्रष्टाचार किया गया है। आरोप है कि दया चरण एंड कंपनी दिल्ली के नगर निगम को केवल मशीन सप्लाई का काम करती है, उनको कूड़ा निस्तारण का काम दे दिया गया है। आरोप है कि इस कंपनी ने फर्जी तरीके से अनुभव प्रमाण पत्र समेत अन्य दस्तावेज के जरिए इस काम को हासिल किया है। समाजसेवी ने मांग की है कि इस टेंडर में भ्रष्टाचार करने वाले लोगों पर कार्रवाई की जाए।
टेंडर को किया जाए कैंसिल
समाजसेवी की मांग है कि सात करोड़ के इस टेंडर में भ्रष्टाचार हुआ है। भ्रष्टाचार में शामिल लोगों पर कार्रवाई करते हुए इस कूड़ा निस्तारण काम के लिए योग्य कंपनी को इसका काम दिया जाए। आरोप है कि फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र बनाकर दया चरण एंड कंपनी ने इस काम को अधिकारियों की मिलीभगत से हासिल किया है, जिसे रद्द कर दिया जाए।