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Aman Mani Tripathi Jeevan Parichay : पिता के पद चिन्हों पर चल अमन मणि त्रिपाठी 17 वीं विधान सभा में पहली बार बने विधायक

By संतोष सिंह 
Updated Date

Aman Mani Tripathi Jeevan Parichay

Aman Mani Tripathi Jeevan Parichay : अमन मणि त्रिपाठी (Aman Mani Tripathi)  महाराजगंज जिले (Maharajganj District) की 316,नौतनवा (विधानसभा क्षेत्र) (Nautanwa Assembly constituency)से निर्दलीय विधायक हैं। त्रिपाठी को राजनीति विरासत में मिली है, उनके पिता अमरमणि त्रिपाठी (Amarmani Tripathi) लक्ष्मीपुर (विधानसभा क्षेत्र) (Laxmipur Assembly constituency) से चार बार से विधायक थे। अमरमणि त्रिपाठी उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री (Cabinet Minister in the Government of Uttar Pradesh) भी रह चुके हैं।

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अमन मणि त्रिपाठी की शैक्षिक यात्रा

अमन मणि त्रिपाठी का जन्म 12 जनवरी 1982 को गोरखपुर शहर (Gorakhpur city) में हुआ था। इन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा स्प्रिंगर पब्लिक स्कूल, गोरखपुर से पूरी की है। त्रिपाठी ने 2012 में दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (Deen Dayal Upadhyay Gorakhpur University) से स्नातक की पढ़ाई (Graduate Studies) पूरी की है।
ये है पूरा सफरनामा

नाम- अमन मणि त्रिपाठी
पिता-अमरमणि त्रिपाठी
माता- मधु मणि त्रिपाठी
जन्‍म स्थान-गोरखपुर
धर्म-हिन्दू
जाति-ब्राह्मण (सामान्य)
चुनाव क्षेत्र –316,नौतनवा (विधानसभा क्षेत्र)
जन्म- 12 जनवरी 1982 (उम्र 38)
शिक्षा- गोरखपुर विश्वविद्यालय (स्नातक स्तर की पढ़ाई)
राष्ट्रीयता-भारतीय
राजनीतिक दल-निर्दलीय
व्यवसाय- कृषि
निवास-214 त्रिलोकपुर, पोस्ट-जारा, जिला-महाराजगंज ।

राजनीतिक सफर

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अमन मणि त्रिपाठी ने राजनीति की यात्रा शुरू की उत्तर प्रदेश की 16 वीं विधानसभा  (16th Legislative Assembly of Uttar Pradesh) चुनाव से किया। नौतनवा विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस उम्मीदवार कुंवर कौशल किशोर सिंह से हार गए। इसके बाद 17 वीं विधान सभा (17th Legislative Assembly) के चुनाव में अमन मणि त्रिपाठी एक बार फिर समाजवादी पार्टी से टिकट मांगा, लेकिन पत्नी की हत्या के मामले में फंसने के बाद सपा ने टिकट देने से इनकार कर दिया। इसके बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और सपा उम्मीदवार को हराकर 17 वीं विधान सभा के लिए प्रथम विधायक चुने गए।

अमन मणि त्रिपाठी पत्नी की हत्या के मामले में खा चुके हैं जेल की हवा

अमन मणि त्रिपाठी को अपनी पत्नी की हत्या के मामले में 25 नवंबर 2016 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था, उनकी पत्नी की हत्या के मामले में उनका नाम आने के बाद समाजवादी पार्टी ने त्रिपाठी को टिकट से वंचित कर दिया था। इसके बाद उन्हें एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद मार्च 2017 में जमानत दी गई थी। 18 फरवरी को उन्हें आरोप पत्र सौंपा गया था।

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