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अमित शाह ने संसद सत्र में साफ की तस्वीर, बोले- महिला आरक्षण विधेयक 2029 के बाद ही आएगा अमल में

By संतोष सिंह 
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नई दिल्ली। महिला आरक्षण बिल (Women Reservation Bill)  पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने कहा कि मेरी पार्टी और मेरे नेता नरेंद्र मोदी के लिए महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment) राजनीतिक मुद्दा नहीं मान्यता का सवाल है। गृहमंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah)  ने कहा कि कल का दिन भारतीय संसद के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। कल गणेश चतुर्थी थी, कल नए सदन के कार्य का श्री गणेश हुआ और कल ही के दिन वर्षों से लंबित महिलाओं को आरक्षण देने का बिल इस सदन में पेश हुआ।

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शाह ने कहा, ”सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने भूमिका बनाना शुरू कर दी है कि इसे समर्थन मत करो क्योंकि परिसीमन की बात कही जा रही है। इसका समर्थन मत करो क्योंकि मुस्लिम आरक्षण नहीं है। …मेरा उनसे कहना है कि समर्थन नहीं करोगे तो क्या जल्दी आरक्षण आ जाएगा? तब भी तो 2029 के बाद आएगा। एक बार श्रीगणेश तो करो। गणेश चतुर्थी के दिन यह विधेयक आया है। एक बार शुरुआत तो करो।”

गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah)  ने कहा कि नया अनुच्छेद 303, 30ए लोकसभा में मातृशक्ति को एक तिहाई आरक्षण देगा और 332ए विधानसभाओं में मातृशक्ति को एक तिहाई आरक्षण प्रदान करेगा। इसके साथ-साथ एससी/एसटी वर्ग के लिए जितनी भी सीटें रिजर्व हैं, उसमें भी एक तिहाई सीटें मातृशक्ति के लिए आरक्षित होंगी। गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि महिलाओं की एक लंबी लड़ाई का अंत हो जाएगा। जिसकी कल्पना G20 की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने समग्र विश्व के सामने रखी। women led development के नए युग का श्री गणेश इसी बिल से होने जा रहा है।

परिसीमन का प्रावधान क्यों रखा गया है?

अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि ‘परिसीमन आयोग हमारे देश की चुनाव प्रक्रिया को निर्धारित करने वाली इकाई का काम करती है। इसकी प्रक्रिया अर्द्ध न्यायिक होती है। इसमें चुनाव आयोग (Election Commission) और दो-तीन संस्थाओं के प्रतिनिधि होते हैं। सभी राजनीतिक दलों के एक-एक नेता भी इसके सदस्य होते हैं। महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटों का आरक्षण तय करना है तो वो सीटें कौन तय करेगा? हम सीटें तय करें और केरल की वायनाड (राहुल गांधी की सीट) या हैदराबाद सीट आरक्षित हो गई तो क्या कहेंगे? ओवैसी साहब कहेंगे कि राजनीति हो गई। इसमें कोई पक्षपात नहीं हो, इसलिए परिसीमन की बात कही गई है।”

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महिला आरक्षण बिल (Women Reservation Bill)  जल्दी लागू करने के सवाल पर अमित शाह (Amit Shah)  ने कहा कि इसके लिए नियम हैं। उन्होंने कहा कि अगर वायनाड सीट महिलाओं के लिए रिजर्व कर दिया तो कहोगे कि राजनीतिक रूप से ये फैसला लिया गया है। शाह ने कहा कि हमारे एक साथी सांसद (राहुल गांधी) चले गए। सभी की अपनी-अपनी समझ होती है। उन्होंने कहा कि जो लोग (केंद्र सरकार के सचिव) देश चलाते हैं, उनमें से सिर्फ तीन ओबीसी हैं। अब इनकी समझ है कि सचिव देश चलाते हैं, मेरी समझ है कि देश सरकार चलाती है। इस देश की नीतियों का निर्धारण देश की सरकार, कैबिनेट और संसद करती है।

आंकड़े आपको चाहिए तो मैं बता देता हूं। सुनने के लिए तो आप यहां बैठे नहीं हो। भाजपा (BJP) के 85 सांसद पिछड़े वर्ग से आते हैं। 29 मंत्री भी पिछड़े वर्ग से हैं। भाजपा (BJP)  के 1358 में से 27 फीसदी यानी 365 विधायक ओबीसी (OBC)  हैं। भाजपा (BJP) के विधान परिषद सदस्यों में 40 फीसदी पिछड़े वर्ग से हैं।  आपको तो कोई एनजीओ चिट बनाकर दे देता है, उसे यहां आकर पढ़कर चले जाते हैं। जब प्रधानमंत्री मोदी यहां आए तब लिखा हुआ भाषण नहीं पढ़ा। आपकी पार्टी ने किसी ओबीसी (OBC) को प्रधानमंत्री नहीं बनाया, भाजपा (BJP)  ने बनाया।

गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि कांग्रेस ने इस देश में 5 दशक से ज्यादा शासन किया, लेकिन 11 करोड़ परिवार ऐसे थे, जहां घरों में शौचालय नहीं था। गरीबी हटाओ के नारे दिए, लेकिन गरीबों को कोई सुविधा नहीं दे पाए। शौचालय न होने का पीड़ा वही जान सकते हैं, जिनके घरों में बहन-बेटियां हैं।जब बैंक अकाउंट खोलने का काम शुरू किया तो 52 करोड़ बैंक अकाउंट खोले गए और 52 करोड़ अकाउंट में से 70 प्रतिशत अकाउंट माताओं के नाम से खोले गए। आज महिला सशक्तिकरण हुआ है। जिस दिन मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली, जिस दिन से भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार बनी, उसी दिन से महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और सहभागिता।

इस सरकार के सांस और प्राण में बसा हुआ है। मोदी  जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा देशभर में दिया। गुजरात में उनके प्रयासों से जनजागृति के माध्यम से बिना किसी कानून के लिंग अनुपात में बहुत बड़ा परिवर्तन हुआ। गुजरात में भारतीय जनता पार्टी (BJP)  की बड़ोदरा कार्यकारिणी हुई थी, उस ऐतिहासिक कार्यकारिणी में मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (BJP)  के संगठात्मक पदों पर माताओं के लिए एक तिहाई रिजर्वेशन किया गया था। मैं गर्व से कह सकता हूं कि ऐसा करने वाली मेरी पार्टी, सबसे पहली और अंतिम पार्टी है।

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