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Anti Defection Law : झारखंड में विधायक लोबिन हेम्ब्रम और जेपी पटेल की सदस्यता समाप्त ,दल-बदल कानून के तहत हुई कार्रवाई

By संतोष सिंह 
Updated Date

रांची। झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रबीन्द्रनाथ महतो (Speaker of Jharkhand Assembly Rabindranath Mahato) ने विधायक लोबिन हेम्ब्रम (MLA Lobin Hembram) और जेपी पटेल (MLA JP Patel)   की सदस्यता समाप्त कर दी है। स्पीकर न्यायाधिकरण (Speaker Tribunal) ने दल-बदल कानून (Anti Defection Law) के तहत गुरुवार को यह बड़ी कार्रवाई की। बुधवार को सुनवाई के बाद उन्होंने फैसला सुरक्षित रख लिया था।

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दोनों विधायकी की विधायकी समाप्त करने का निर्णय 26 जुलाई से प्रभावी होगा। इसी दिन झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र (Monsoon session of Jharkhand Assembly) भी आरंभ हो रहा है। लोबिन के विरुद्ध झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के अध्यक्ष शिबू सोरेन (Jharkhand Mukti Morcha (JMM) President Shibu Soren) और जेपी पटेल (MLA JP Patel)  के खिलाफ भाजपा विधायक दल के नेता अमर कुमार बाउरी (BJP Legislative Party leader Amar Kumar Bauri) ने शिकायत की थी।

बोरियो के झामुमो विधायक लोबिन पार्टी में रहते हुए विगत लोकसभा चुनाव में दल के प्रत्याशी के विरुद्ध चुनाव लड़े थे, जबकि मांडू के भाजपा विधायक जेपी पटेल लोकसभा चुनाव के पहले कांग्रेस में शामिल हो गए थे। उन्होंने हजारीबाग संसदीय सीट (Hazaribagh Parliamentary Seat) से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लडा और पराजित हुए। दोनों के विरुद्ध दल-बदल की शिकायत को लेकर स्पीकर न्यायाधिकरण (Speaker Tribunal)  ने सुनवाई की। इस दौरान दोनों तरफ के पक्ष सुने गए। अंत में दोनों के विरुद्ध संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत कार्रवाई की गई।

झामुमो विधायक लोबिन हेम्ब्रम के तेवर पड़ गए थे ढ़ीले

झामुमो विधायक लोबिन हेम्ब्रम (MLA Lobin Hembram)  को विधायकी जाने का आभास हो गया था। यही वजह है कि हाल के दिनों में उनके तेवर ढ़ीले पड़ गए थे। वे सरकार के समर्थन में बोलने लगे थे। हाल ही में हेमंत सोरेन के विश्वास प्रस्ताव के दौरान वे समर्थन में खड़े भी हुए। उन्होंने पक्ष में मतदान किया। लोबिन लंबे अरसे से शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ मुखर थे। उन्होंने इसके लिए राजनीतिक अभियान भी चलाया। राजमहल संसदीय सीट (Rajmahal Parliamentary Seat) से दल के प्रत्याशी के विरुद्ध चुनाव लड़ना उनकी विधायक समाप्त होने का कारण बना। वे दल के विरुद्ध जाकर चुनाव में बतौर निर्दलीय प्रत्याशी खड़े हुए। उन्हें दल ने निष्कासित करते हुए विधायकी समाप्त करने हेतु विधानसभा अध्यक्ष को शिकायत की। इसपर स्पीकर न्यायाधिकरण (Speaker Tribunal)  ने कार्रवाई की।

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कांग्रेस की बैठकों में जाना भी काम नहीं आया जेपी पटेल को

जेपी पटेल (JP Patel) ने स्पीकर न्यायाधिकरण (Speaker Tribunal)  के समक्ष तर्क दिया था कि उनके दल-बदल के प्रमाण नहीं हैं। वे इसके दायरे में नहीं आते। सत्तारूढ़ गठबंधन के सहयोगी दल कांग्रेस की बैठकों में भी वे नजर आते थे। वे विधायकों की बैठक में भी हिस्सा ले रहे थे। उन्हें लगा था कि सत्तारूढ़ दल के साथ खड़े होने से विधायकी बच सकती है, लेकिन स्पीकर ने उन्हें अयोग्य ठहरा दिया। जेपी पटेल ने झामुमो से राजनीति की शुरूआत की थी। बाद में वे भाजपा में चले गए। लोकसभा चुनाव के दौरान वे कांग्रेस में शामिल हो गए।

बाबूलाल मरांडी पर भी फैसला है सुरक्षित

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी (BJP state president Babulal Marandi) के विरुद्ध भी दल-बदल मामले में स्पीकर न्यायाधिकरण (Speaker Tribunal) में सुनवाई हुई थी। सुनवाई पूरी करने के बाद स्पीकर ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस पर निर्णय आना अभी बाकी है।

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