अधिकतर महिलाएं और लड़कियां अपनी छोटी मोटी स्किन प्रॉब्लम्स से छुटकारा पाने के लिए घरेलू नुस्खों को अपनाती हैं। स्किन केयर के लिए घर में मौजूद का इस्तेमाल करती है। ऐसे ही पिंपल्स को ठीक करने के लिए कई लोग झंडू बाम लगाती है। क्या सही मायने में पिंपल्स पर झंडूबाम लगाना सही है?
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आइए जानते हैं। झंडू बाम एक आयुर्वेदिक उप्पाद है जो सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और जकड़न में इस्तेमाल किया जाता है। झंडूबाम में मेथॉल,कपूर और यूकेलिप्टस ऑयल जैसे तत्व होते है जो स्किन को ठंडक प्रदान करते है और राहत देते है। कई लोग इसका इस्तेमाल पिंपल्स पर लगाते है ताकि लालिमा और सूजन को कम किया जा सके।
झंडू बाम के मुख्य घटक, जैसे मेंथॉल और कपूर, त्वचा में जलन पैदा कर सकते हैं। ये तत्व त्वचा के पिम्पल्स को अस्थायी रूप से शांत तो कर सकते हैं, लेकिन इनका अधिक प्रयोग त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है। पिम्पल्स पर झंडू बाम लगाने से त्वचा अत्यधिक शुष्क हो सकती है, जिससे पिम्पल्स का आकार बढ़ सकता है और त्वचा पर निशान भी पड़ सकते हैं।
कई लोगों की त्वचा संवेदनशील होती है और झंडू बाम में मौजूद तेज रसायनों के कारण एलर्जी हो सकती है। इससे त्वचा की समस्या और बढ़ सकती है।एलोवेरा पिंपल्स पर लगा सकती हैं। इसमें सूजन-रोधी गुण होते हैं जो पिम्पल्स की सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
टी ट्री ऑयल भी फायदेमंद हो सकता है। इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करते है। इसके अलावा पिंपल्स बर्फ के टुकड़े को लगा सकते हैं। बर्फ के उपयोग से पिम्पल्स की सूजन और लालिमा कम हो सकती है।
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झंडू बाम पिम्पल्स के लिए उपयुक्त उपाय नहीं है। यह त्वचा पर उल्टा प्रभाव डाल सकता है और समस्या को बढ़ा सकता है। बेहतर होगा कि आप पिम्पल्स के लिए सुरक्षित और प्राकृतिक उपाय अपनाएं। अगर पिम्पल्स की समस्या गंभीर है, तो त्वचा विशेषज्ञ से परामर्श लेना ही उचित होगा।