Advertisement
  1. हिन्दी समाचार
  2. देश
  3. कलाकार, राजनेता बाबुल सुप्रियो को रास नहीं आई राजनीति, जानिए वजह

कलाकार, राजनेता बाबुल सुप्रियो को रास नहीं आई राजनीति, जानिए वजह

By अनूप कुमार 
Updated Date

नई दिल्ली: जाने माने कलाकार (Renowned artist), राजनेता( politician),सिंगर(singer) बाबुल सुप्रियो (Babul Supriyo) बंगाल के आसनसोल से सांसद हैं।आज अचानक उनके बारे ऐसी खबरें टीवी पर चलने लगी कि बाबुल सुप्रियो ने राजनीति से संन्यास (Bharatiya Janata Party) ले लिया। भारत की सोलहवीं लोकसभा में सांसद हैं। पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट से बाबुल सुप्रियो पहली बार 2019 में संसद पहुंचे। 2014 के चुनावों में इन्होंने पश्चिम बंगाल की आसनसोल सीट से भारतीय जनता पार्टी की ओर से भाग लिया और जीते। संसद के दो बार के सदस्य बाबुल उन 12 मंत्रियों में शामिल थे, जिन्हें 7 जुलाई को एक फेरबदल के तहत प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल से हटा दिया गया था। अप्रैल-मई पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के अरूप विश्वास से चुनाव हार गए थे।

पढ़ें :- पीएम मोदी के नेतृत्व में भाजपा 'शोनार बांग्ला' का संकल्प करेगी पूरा, ये 'मोदी की गारंटी' है: सीएम योगी

सांसद बाबुल सुप्रियो ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिख कहा है कि वे राजनीति में सिर्फ समाज सेवा के लिए आए थे। अब उन्होंने अपनी राह बदलने का फैसला लिया है।उन्होंने कहा कि,   “अलविदा। मैं किसी अन्य पार्टी में नहीं जा रहा हूं – टीएमसी, कांग्रेस, सीपीआईएम, कहीं नहीं। मैं पुष्टि कर रहा हूं कि किसी ने मुझे फोन नहीं किया है। मैं कहीं नहीं जा रहा हूँ। मैं एक टीम का खिलाड़ी हूँ! हमेशा एक टीम का समर्थन किया है।बाबुल ने अपनी पोस्ट के अंत में भावुक अंदाज में कहा है कि 1992 में स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक की नौकरी छोड़कर मुंबई भागते वक्त जो किया था, अब फिर मैंने वही किया।

 

बाबुल नब्बे के दशक के मध्य में हिंदी सिनेमा में पार्श्व गायक के रूप में अपना करियर बनाया और तब से कई फिल्मों के लिए गाने गाए। वह मुख्य रूप से हिंदी और बांग्ला में गाते हैं यद्यपि उन्होंने अपने संगीत कैरियर के दौरान 11 अन्य भाषाओं में भी पार्श्व गायन किया है। सुप्रियो 2014 में राजनीति में प्रवेश किया और नरेंद्र मोदी की सरकार में शामिल हुए।

बाबुल सुप्रियो का जन्म पश्चिम बंगाल के एक छोटे से शहर में हुआ था। सुप्रीयो डॉन बोस्को लिलाह में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद, उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से वाणिज्य में स्नातक की डिग्री अर्जित की। पूर्णकालिक कैरियर के रूप में गायन करने से पहले, उन्होंने स्टैण्डर्ड चार्टर्ड बैंक में कुछ दिन काम किया। फिर उन्होने मनोरंजन उद्योग में प्रवेश करने का फैसला किया।

पढ़ें :- West Bengal : बीरभूम से भाजपा उम्मीदवार देबाशीष धर का नामांकन रद्द, टीएमसी की शताब्दी रॉय से था मुकाबला

 

 

 

 

 

पढ़ें :- Ulgulan Nyaay Maharally : 'हम शक्ति प्रदर्शन के लिए नहीं, बल्कि लोकतंत्र को बचाने के लिए जुटे हैं'

 

Advertisement