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BCCI ने शुरू किया ब्रोंको टेस्ट, जानिए नया फिटनेस बेंचमार्क और यो-यो टेस्ट से कैसे अलग है?

By Abhimanyu 
Updated Date

BCCI’s new Bronco Test: पिछले कुछ सालों से बीसीसीआई ने खिलाड़ियों के फिटनेस पर काफी फोकस किया है। टीम में बने रहने के लिए खिलाड़ियों को ये टेस्ट पास करना अनिवार्य है। बोर्ड के फिटनेस टेस्ट में काफी समय से यो-यो टेस्ट की चर्चा होती रहा है। हालांकि, इंग्लैंड दौरे के बीच एक नए तरह फिटनेस टेस्ट की बात सामने आयी है। जिसे ब्रोंको टेस्ट (Bronco test) नाम से जाना जाता है।

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मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो भारतीय टीम के लिए नया ब्रोंको टेस्ट इंग्लैंड दौरे से शुरू हो गया है। केएल राहुल, अर्शदीप सिंह, शुभमन गिल और साई सुदर्शन जैसे कई खिलाड़ी इंग्लैंड में ब्रोंको टेस्ट से गुज़रते देखे गए। भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर और स्ट्रेंथ एवं कंडीशनिंग कोच एड्रियन ले रॉक्स ने मौजूदा यो-यो टेस्ट और 2 किलोमीटर टाइम ट्रायल के साथ-साथ ब्रोंको टेस्ट को एक नए मानक के रूप में पेश किया है।

क्या है ब्रोंको टेस्ट? 

मूल रूप से रग्बी के लिए विकसित, ब्रोंको टेस्ट एरोबिक सहनशक्ति को मापता है और हृदय संबंधी सीमाओं को बढ़ाता है। इसकी शुरुआत भारतीय क्रिकेट में सहनशक्ति-केंद्रित फिटनेस मानकों की ओर बदलाव का संकेत देती है, खासकर तेज़ गेंदबाज़ी जैसी भूमिकाओं के लिए जिनमें निरंतर शारीरिक प्रयास की जरूरत होती है। यह टेस्ट एक उच्च-तीव्रता वाली एरोबिक रनिंग ड्रिल है जिसे खिलाड़ी की सहनशक्ति, गति और हृदय संबंधी स्थिति को मापने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

ब्रोंको टेस्ट में 20, 40 और 60 मीटर की शटल दौड़ शामिल है। एक सेट में तीनों दूरियां दौड़नी होती हैं, और प्लेयर्स को बिना आराम किए लगातार पाँच सेट पूरे करने होते हैं—कुल मिलाकर 1,200 मीटर। लक्ष्य यह है कि इस टेस्ट को छह मिनट के भीतर पूरा किया जाए। बताया जा रहा है कि यह परीक्षण एड्रियन ले रॉक्स की सिफ़ारिश पर शुरू किया गया था, जो जून 2025 में भारतीय टीम में स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग कोच के रूप में फिर से शामिल होंगे।

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ले रॉक्स इससे पहले जनवरी 2002 से मई 2003 तक इस पद पर रहे थे और उन्होंने क्रिकेट साउथ अफ्रीका और कोलकाता नाइट राइडर्स तथा पंजाब किंग्स जैसी आईपीएल फ़्रैंचाइज़ियों के साथ भी काम किया है। ले रॉक्स ने ब्रोंको टेस्ट का प्रस्ताव इस बढ़ती चिंता के जवाब में रखा कि भारतीय खिलाड़ी – विशेष रूप से तेज गेंदबाज – जिम में बहुत अधिक समय बिता रहे हैं और दौड़-आधारित धीरज प्रशिक्षण पर पर्याप्त ध्यान नहीं दे रहे हैं।

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, ले रॉक्स ने ब्रोंको टेस्ट का प्रस्ताव इस बढ़ती चिंता के जवाब में रखा था कि भारतीय खिलाड़ी – विशेष रूप से तेज गेंदबाज – जिम में बहुत अधिक समय बिता रहे हैं और दौड़-आधारित धीरज प्रशिक्षण पर पर्याप्त ध्यान नहीं दे रहे हैं।

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