आंखे सीरत का आईना होता है। आंखों से दिल की भावनाएं ही नहीं सेहतसे जुड़े संकेत देती है। आंखों में कुछ ऐसे लक्षण दिखाई देते है जो शरीर के अंदर आ रही दिक्कतों और बीमारियों का संकेत देती है।
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हाई ब्लड शुगर से रेटिना की खून की नसों में सूजन और नुकसान हो सकता है। जिसे डायबिटीक रेटिनोपैथी कहते है। इस स्थिति में व्यक्ति की नजर धुंधली होने लगती है।अगर समय पर इलाज न मिले तो आंखे की रोशनी जाने का खतरा हो सकता है। ऐसे में आंखों में अचानक धुंधलापन, आंखो में चुभन जैसे लक्षण होते है।
लंबे समय से हाई बीपी की स्थिति में आंखों की रक्त वाहिकाएं प्रभावित हो सकती हैं, जिससे रेटिनल वेसेल्स में बदलाव होने लगता है। इससे आंखों में धुंधलापन, नजर में बदलाव, और कभी-कभी सिरदर्द या आंखों में जलन होती है। खून की नलियों में गंदा फैट कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का लक्षण भी आंखों में नजर आने लगता है। इससे आंखों के आस-पास पीले रंग का उभार, आंखों के आइरिस के चारों ओर नीले या भूरे रंग का एक छल्ला दिखाई पड़ने लगता है।
आंखों में अचानक से दिखने वाले धब्बे, आंखों का लाल होना, या आंखों के आस-पास सूजन, शरीर में कैंसर के संकेत हो सकते हैं। आंखों में पाए जाने वाले ट्यूमर या मैलिग्नेंट सेल्स के कारण दृष्टि में अचानक बदलाव आ सकते हैं। आंखों के एक हिस्से में अंधेरा या धुंधलापन, या सामान्य दृष्टि में असमानता, कैंसर जैसे गंभीर रोग का संकेत हो सकते हैं।
थायराइड समस्याएं भी आंखों पर असर डाल सकती हैं। इससे आंखों में सूजन, जलन, और धुंधली दृष्टि जैसे लक्षण पैदा हो सकते हैं। समय पर इन लक्षणों की पहचान खासतौर पर महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद साबित होता है, क्योंकि थायराइड की बीमारी के कारण प्रजनन संबंधित समस्याओं के बढ़ने का खतरा होता है।