Bilva: बेल धार्मिक प्रभाव के साथ उत्तम औषधि के लिए भी जाना जाता है। आयुर्वेद के अनुसार बेल के बहुत लाभ हैं। स्वाद के लिए लोग बेल का पेय बनाकर इसे पीते है। बेल के शरबत के कई लाभ है। बेलपत्र को शिव पूजा में अर्पित किया जाता है। इसे रोगों को नष्ट करने की क्षमता के कारण बेल को बिल्व कहा गया है। वायुमंडल में व्याप्त अशुध्दियों को सोखने की क्षमता सबसे ज्यादा बिल्व वृक्ष में होती है । मान्यता है कि बेल वृक्ष को काटने से वंश का नाश होता है। और बेल वृक्ष लगाने से वंश की वृद्धि होती है।ष्शिवपुराण, में बेलपत्र के वृक्ष की जड़ में शिव का वास माना गया है। इसलिए इसकी जड़ में गंगाजल के अर्पण का बहुत महत्व है।
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1.बेलपत्र के सेवन से शरीर में आहार के पोषक तत्व आधिकारिक रूप से अवशोषित होने लगते है।
2.बेल से मन एकाग्र रहता है और ध्यान केन्द्रित करने में सहायता मिलती है।
3.इसके सेवन से शारीरिक वृद्धि होती है।
4.इसके पत्तों का काढा पीने से ह्रदय मज़बूत होता है।
5बारिश के दिनों में अक्सर आँख आ जाती है यानी कंजक्टिवाईटीस हो जाता है। बेल पत्रों का रस आँखों में डालने से य लेप करने से लाभ होता है।