नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (BJP) को हिमाचल (Himachal) के उपचुनाव में बड़ा झटका लगा था। वहीं, राज्य में होने वाली कार्यकारिणी की बैठक से एक दिन पहले फिर पार्टी को झटका लगा है। इस बार हिमाचल भाजपा (BJP) के उपाध्यक्ष और राज्यसभा के पूर्व सांसद कृपाल परमार (kripal parmar) ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
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इस दौरान उन्होंने पार्टी नेतृत्व पर तानाशाही का आरोप लगाया है। उपचुनाव के बाद भाजपा (BJP) को ये एक और बड़ा झटका माना जा रहा है। हालांकि भाजपा (BJP) प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कश्यप ने अभी तक इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। इस्तीफा देने की बात खुद कृपाल परमार ने सोशल मीडिया पर शेयर की है।
बता दें कि, कृपाल परमार (kripal parmar) भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा (Jagat Prakash Nadda) के करीबी माने जाते हैं। उन्हें कांगड़ा के फतेहपुर से विधानसभा उपचुनाव के लिए टिकट से वंचित कर दिया गया था। वहीं, इसको लेकर उन्होंने स्पष्ट किया है कि इसे टिकट न मिलने की नाराजगी न समझे। उन्होंने कहा कि लंबे अरसे से संगठन के वरिष्ठ नेताओं की सुनवाई नहीं हो रही है। उन्होंने इसी वजह से उपाध्यक्ष का पद छोड़ना उचित समझा है।