नई दिल्ली। झारंखड में सियासी हलचल मची हुई है। हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद अब कई तरह की अटकलें शुरू हो गयीं हैं। उधर, झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन ने चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता चुना। चंपई सोरेन ने राज्यपाल से मुलाकात की। हालांकि, राज्यपाल की तरफ से अभी शपथ दिलाने के लिए समय नहीं दिया गया है। अब विपक्ष के नेताओं की तरफ से हमले शुरू हो गए हैं।
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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि, 81 विधायकों के सदन में 41 ही बहुमत होता है। 48 विधायकों का समर्थन होने के बावजूद चंपई सोरेन जी को सरकार बनाने का न्योता ना देना साफ़ तौर पर संविधान की अवमानना एवं जनमत को नकारना है। महमाहिमों द्वारा भारतीय लोकतंत्र के ताबूत में एक-एक करके कीलें ठोकी जा रही है।
इसके साथ ही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि, बिहार में गठबंधन सरकार के इस्तीफे के तुरंत बाद राज्यपाल ने नई सरकार बनाने का न्यौता भेज दिया था। लेकिन झारखंड में दावा पेश करने के एक दिन बाद भी सरकार बनाने का न्यौता नहीं भेजा गया। पहले ईडी लगाकर मुख्यमंत्री को इस्तीफा देने पर मजबूर किया। उन्हें गिरफ्तार किया गया। अब खबरें हैं कि नई सरकार का गठन रोककर विधायकों को खरीदने की कोशिश की जा रही है। पहले बिहार, फिर चंडीगढ़ और अब झारखंड-भाजपा हर राज्य में धनादेश के दम पर जनादेश को कुचल रही है।