Advertisement
  1. हिन्दी समाचार
  2. दिल्ली
  3. CAG की रिपोर्ट में केजरीवाल सरकार के ऊपर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप…अजय माकन ने AAP सरकार पर जमकर बोला हमला

CAG की रिपोर्ट में केजरीवाल सरकार के ऊपर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप…अजय माकन ने AAP सरकार पर जमकर बोला हमला

By शिव मौर्या 
Updated Date

Delhi elections: दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ती जा रही है। आम आदमी पार्टी पर कांग्रेस भी हमलावर हो गयी है। बुधवार को कांग्रेस नेता अजय माकन ने प्रेस कॉफ्रेंस किया। इस दौरान उन्होंने आम आदमी पार्टी सरकार पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने CAG रिपोर्ट का हवाला देते हुए अरविंद केजरीवाल को घेरा है।

पढ़ें :- International Women's Day : राहुल गांधी ने "आधी आबादी" को सम्मान देते हुए लिखा संदेश, बोले- महिलाएं हमारी समाज की हैं रीढ़

अजय माकन ने कहा, आज मैं सबके सामने ‘AAP के पाप’ की पहली कड़ी रखना चाहता हूं। दिल्ली में एक ऐसे नेता हैं, जिन्होंने अपनी पार्टी इसलिए बनाई थी, ताकि वो भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ सकें। उस जमाने में केजरीवाल CAG रिपोर्ट के आधार पर ही कांग्रेस पर आरोप लगाते थे। इस वक्त CAG की 14 ऐसी रिपोर्ट हैं, जिसमें केजरीवाल सरकार के ऊपर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं, लेकिन अब वो रिपोर्ट सामने नहीं आ रहीं। ऐसे में हम केजरीवाल जी से पूछना चाहते हैं कि इस रिपोर्ट में हेल्थ से जुड़े मामले में 382 करोड़ का घोटाला कैसे है?

उन्होंने आगे कहा, CAG रिपोर्ट कहती है कि दिल्ली में पिछले 10 साल में केवल तीन अस्पताल बनकर तैयार हुए। इनमें एक का एक्सटेंशन है और इनकी शुरुआत कांग्रेस के समय हुई थी। लेकिन इन हॉस्पिटल को बनने में समय तो ज्यादा लगा ही, बल्कि जितने का टेंडर था, उससे ज्यादा पैसा खर्च हुए। इंदिरा गांधी अस्पताल बनाने में 314 करोड़ रुपए, बुराड़ी हॉस्पिटल बनाने में 41 करोड़ रुपए और मौलाना आजाद हॉस्पिटल बनाने में 26 करोड़ रुपए फालतू में खर्च किए गए।

कांग्रेस नेता आगे कहा, CAG की रिपोर्ट कहती है कि 2007-15 के बीच 15 प्लॉट दिल्ली सरकार ने एक्वायर किए, लेकिन कहीं भी काम शुरू नहीं हुआ। 2016-17 से लेकर 2021-22 तक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में जितने पैसे मिले, उनमें से 2,623 करोड़ रुपए खर्च ही नहीं हो पाया, जो बाद में लैप्स हो गए। कोरोना के दौरान केजरीवाल को केंद्र सरकार से 635 करोड़ रुपए मिले, उनमें से ये 360 करोड़ रुपए खर्च नहीं कर पाए, जबकि उस समय दिल्ली में लोग ऑक्सीजन और बेड के लिए तरस रहे थे। AAP ने चार अलग-अलग बजट में कहा कि हम दिल्ली में 32,000 बेड के अस्पताल बनाएंगे, लेकिन सिर्फ 1,235 बेड के अस्पताल बनाए। इन्हीं आंकड़ो के चलते केजरीवाल नहीं चाहते हैं कि CAG की रिपोर्ट दिल्ली की जनता के सामने आए।

अजय माकन ने आगे कहा, दिल्ली में बेरोजगारी है, लेकिन यहां हेल्थ सेक्टर में 8,194 पद खाली हैं। डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर में 3,268, DGHS में 1532, स्टेट हेल्थ मिशन में 1036, ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट में 75, MAMC में 503, लोकनायक अस्पताल में 581, राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी में 580, जनकपुरी में 298, चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय में 322 यहां 21% नर्सिंग स्टॉफ, 30% पैरामेडिक्स स्टॉफ और 30% स्पेशियलिस्ट डॉक्टरों की कमी है। केजरीवाल ने दिल्ली को ऐसा चिकित्सा मॉडल दिया है।

पढ़ें :- राहुल गांधी ने गुजरात में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का दिया कड़ा संदेश, बोले-'जब तक हम अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं करेंगे, जनता चुनाव नहीं जिताएगी', वोट भी...

साथ ही कहा, राजीव गांधी सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल का हाल ये है कि यहां 6 मॉड्युलर, सेमी मॉड्युलर ऑपरेशन थिएटर, स्टोन सेंटर, ट्रांसप्लांट ICU, 77 प्राइवेट-स्पेशल रूम, 16 ICU बेड, 154 जनरल बेड ऑपरेशनल नहीं हैं। रेजिडेंट डॉक्टर फंक्शनल नहीं हैं। जनकपुरी सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल में 7 ऑपरेशन थिएटर, किचन, ब्लड बैंक, इमरजेंसी, मेडिकल गैस पाइपलाइन, 10 CCU बेड, 200 जनरल बेड काम ही नहीं कर रहे। यहां बेड ऑक्यूपेंसी रेट 20-40% है। चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय बच्चों का सबसे बड़ा अस्पताल है, जहां बच्चों की सर्जरी का वेटिंग टाइम 12 महीने का है। यहां के ऑपरेशन थिएटर में 10 जरूरी उपकरण काम ही नहीं करते हैं।

अजय माकन ने आगे कहा, चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय में प्रति दिन एक्स-रे की क्षमता 330 है, जबकि केवल 109 एक्स-रे हो रहे। अल्ट्रासाउंड की क्षमता 35 की है, जबकि 7 हो रहे हैं। सिटी-स्कैन की क्षमता 12 है, लेकिन सिर्फ 3 हो रहे। ऐसा ही हाल दिल्ली के सुपर स्पेशिएलिटी अस्पतालों का है। दिल्ली के कई अस्पतालों में ICU, ब्लड बैंक, ऑक्सीजन, एंबुलेंस, मॉर्चरी सर्विस नहीं है। कैट एंबुलेंस में जरूरी उपकरण, जैसे- कार्डिएक मॉनिटर, ट्रांसपोर्ट वेंटीलेटर, ग्लूकोमीटर, व्हीलचेयर, बीपी ऑपरेटर, स्टेथोस्कोप, पोर्टेबल ऑक्सीजन, डिलीवरी किट नहीं हैं। ये केजरीवाल का हेल्थ मॉडल है, जिसे CAG ने उजागर किया है।

 

Advertisement