सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को वापस लाने के लिए संसद सदस्यों का भरपूर समर्थन मिल रहा है। इसके लिए भारतीय लोक सेवा कर्मचारी महासंघ (IPSEF) एक अभियान चला रहा है। अब तक करीब 60 सांसद पुरानी पेंशन योजना को अपना समर्थन दे चुके हैं। हालांकि, सरकार ने संसद में घोषणा की है कि उसके पास नई पेंशन प्रणाली (एनपीएस) को खत्म करने और पुरानी पेंशन प्रणाली को वापस करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
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आईपीएसएएफ की मांगों को 60 सांसदों ने किया समर्थन
भारतीय लोक सेवा कर्मचारी महासंघ (IPSEF) को उनके अभियान के लिए कई लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों का समर्थन मिला है, जो पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करने की वकालत करते हैं। अब तक 60 सांसद IPSEF की मांग का समर्थन करने और संसद के दोनों सदनों में इस मुद्दे को उठाने पर सहमत हुए हैं। दैनिक जागरण की एक रिपोर्ट के मुताबिक ये सभी सांसद गैर-भाजपा दलों से हैं।
IPSAF के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीपी मिश्रा ने कहा कि उनके अभियान का उद्देश्य उन सरकारी कर्मचारियों को भी पुरानी पेंशन योजना का लाभ प्रदान करना है जो अप्रैल 2005 के बाद भर्ती हुए थे। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन योजना भविष्य को सुरक्षित करने के लिए आवश्यक है।
इसको लेकर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के लिए समय मांगा है. उन्होंने कहा कि वह केंद्र सरकार से पुरानी पेंशन समेत कुछ मुद्दों का समाधान निकालने का अनुरोध करेंगे
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आगे पीएम मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीतियों की तारीफ करते हुए तिवारी ने कहा कि जनता ने दोनों नेताओं की नीतियों को मंजूरी दी है. उनकी डबल इंजन सरकार से प्रगति आने की उम्मीद है और लोग इसे लेकर उत्साहित हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कर्मचारियों को भरोसा है कि उनकी मांगों को पूरा किया जाएगा।