Chaitra Navratri 2023 1st Day Maa shailputri Puja : मां दुर्गा के भक्तों के लिए नवरात्रि का समय सबसे शुभ माना जाता है।सनातन धर्म मां दुर्गा के नौ रूपों की विधि विधान से पूजा की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार,हर वर्ष कुल चार नवरात्रि मनाई जाती हैं। चैत्र मास में पड़ने वाली नवरात्रि में भी मां के नौ रूपों की विधिवत पूजा आराधना की जाती है। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा विधि.विधान के साथ की जाती है। मां का वाहन वृषभ है। मां शैलपुत्री को हिमालय राज पर्वत की बेटी कहा जाता है। इस बार चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ 22 मार्च 2023 से होगा। इस दौरान पंचक में माता रानी पृथ्वी पर पधारेंगी लेकिन आदि शक्ति जगदंबा की पूजा में पंचक का असर नहीं होता। कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 22 मार्च 2023 को प्रात:काल 06:23 से लेकर 07:32 बजे तक रहेगा। हालांकि, राहुकाल दोपहर 12:28 से लेकर 01:59 बजे तक रहेगा इसलिए इस समय देवी की पूजा करने से बचें।
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नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा विधि.विधान के साथ की जाती है। मां का वाहन वृषभ है। मां शैलपुत्री को हिमालय राज पर्वत की बेटी कहा जाता है। नवरात्रि के नौ दिन तक मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। शैल का अर्थ है पत्थर या पहाड़। मां शैलपुत्री की पूजा से व्यक्ति के जीवन में उनके नाम की तरह स्थिति बनी रहती है।
नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की उपासना की जायेगी। मां शैलपुत्री की उपासना करने से व्यक्ति को धन-धान्य, ऐश्वर्य, सौभाग्य तथा आरोग्य की प्राप्ति होती है। इन सब चीजों का लाभ उठाने के लिए देवी मां के इस
मंत्र से उनकी उपासना करनी चाहिए। मंत्र है- ‘ऊं ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्यै नम:।’ आपको अपनी इच्छानुसार संख्या में इस मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए।