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अफगानिस्तान में Taliban को मान्यता देने के लिए चीन बेचैन , कही- ये बड़ी बात

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। चीन (China) के विदेश मंत्री वांग यी (Foreign Minister Wang Yi) ने तालिबान (Taliban) की आवाज को बुलंद की है। इसके साथ ही कहा है कि दुनिया को अफगानिस्तान (Afghanistan) पर लगे एकतरफा आर्थिक प्रतिबंध को जल्द से जल्द हटा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान (Afghanistan) का विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) एक राष्ट्रीय संपत्ति हैं । जिस पर पर उस देश के नागरिकों का हक होना चाहिए । इसका इस्तेमाल उनके अपने ही लोगों द्वारा किया जाना चाहिए। अफगानिस्तान (Afghanistan) पर राजनीतिक दबाव डालने के लिए किसी भी तरह की सौदेबाजी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान (Afghanistan) के नागरिकों से उनका हक नहीं छीना जाना चाहिए।

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बता दें कि राजनीतिक विशेषज्ञों कहा कि चीन यह सब अपने फायदे के लिए कर रहा है। क्योंकि, उसे अपनी ताकत बढ़ाने के लिए एक और बेहतर जगह अफगानिस्तान के रूप में मिल गई है। उनके मुताबिक चीन की रणनीति अफगानिस्तान (Afghanistan)  तीन मुद्दों पर काम करती है। पहला उसका रणनीतिक और व्यापारिक दृष्टि से फायदा। दूसरा भारत का नुकसान और तीसरा है अमेरिका (America) और इन तीनों पर अफगानिस्तान (Afghanistan)  खरा उतरता है।

रूस के साथ पाकिस्तान और चीन तालिबान को मान्यता दिलाने की कर रहे हैं पुरजोर कोशिश

रूस के साथ पाकिस्तान और चीन तालिबान (Taliban)  को मान्यता दिलाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। इसके अलावा, वे अफगानिस्तान (Afghanistan)  से सटे देशों का नया समूह बनाने की दिशा में भी बढ़ रहे हैं। इस समूह में चीन, पाक, ईरान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं।

तालिबान अफगानिस्तान का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए न करे : एस जयशंकर

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वहीं भारत ने साफ कहा है कि तालिबान को अफगानिस्तान (Afghanistan)  की जमीन का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए किसी भी प्रकार से नहीं करने देने की अपनी प्रतिबद्धता लागू करनी चाहिए। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जी20 देशों से कहा कि दुनिया को एक ऐसी व्यापक एवं समावेशी प्रक्रिया की अपेक्षा है, जिसमें अफगान समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व हो।

जयशंकर ने कहा कि अफगानिस्तान (Afghanistan) पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN Security Council) का प्रस्ताव 2593 वैश्विक भावना को दर्शाता है। इसे हमारे दृष्टिकोण का मार्गदर्शन करना जारी रखना चाहिए। भारत की भागीदारी अफगान लोगों के साथ उसकी ऐतिहासिक मित्रता से संचालित होगी।

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