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Claim in Report : अमेरिका से सीक्रेट डील और पाक को मिली IMF से 3 अरब डॉलर की मदद, दुनिया हैरान

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। पाकिस्तान (Pakistan) कंगाली के दौर से गुजर रहा है। आर्थिक मदद के लिए पाकिस्तान ने कई देशों के सामने हाथ फैला रखे हैं। इसी बीच उसकी अमेरिका (America) से एक गुप्त डील भी सामने आ रही है। ‘द इंटरसेप्ट’ (The Intercept) की खबर के अनुसार इस साल की शुरुआत में अमेरिका (America)  को गुप्त रूप से पाकिस्तानी हथियार बेचे गए थे। रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान (Pakistan)  अपने गिरते विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves)को बचाने के लिए हर किसी से रहम की मांग कर रहा था। तभी जुलाई में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) ने पाक की मदद करने के लिए तीन अरब डॉलर वाले राहत पैकेज का ऐलान किया।

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इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पाकिस्तान (Pakistan)  को यह मदद अमेरिका (America)  के साथ हुई गुप्त डील के तहत मिली थी। हथियारों की बिक्री यूक्रेनी सेना को आपूर्ति करने के उद्देश्य से की गई थी। यह उस संघर्ष में पाकिस्तान की भागीदारी का संकेत देता है, जिस पर उसे पक्ष लेने के लिए अमेरिकी दबाव का सामना करना पड़ा था।

जानें क्या थी यह डील?
सूत्रों ने बताया कि अमेरिका (America)  ने गुप्त हथियारों की खरीद के बदले इस साल की शुरुआत में पाकिस्तान (Pakistan)  के लिए आईएमएफ बेलआउट पैकेज (IMF Bailout Package) की एक डील सुरक्षित की थी। यह डील यूक्रेन की सेना को हथियारों की सप्लाई के मकसद से जुड़ी थी।

रिपोर्ट से यह पता चलता है कि पाकिस्तान (Pakistan)  को किस कदर अमेरिका (America)  से दबाव का सामना करना पड़ा था, क्योंकि हथियारों की बिक्री यूक्रेनी सेना की आपूर्ति के उद्देश्य से की गई थी। इससे यह भी पता लगता है कि कैसे राजनीतिक और फाइनेंस से जुड़ा एलीट वर्ग छिपकर काम करता है? इसके बारे में कभी जनता को कुछ पता नहीं लग पाता है।

अमेरिकी मीडिया ने यह भी बताया कि आईएमएफ की तरफ से मिले बेलआउट पैकेज (IMF Bailout Package) में कुछ कठोर शर्तें रखी गई हैं, जिसकी वजह से विरोध का सामना करना पड़ा। देश में कई हड़तालें हुईं। दावा किया गया कि इमरान ने जाने से पहले विदेश मंत्रालय में राजनयिकों के सामने यूक्रेन युद्ध में पाकिस्तान के आक्रामक तटस्थ रुख पर नाराजगी जाहिर की थी। उनके जाने के बाद से यूक्रेन युद्ध में पाकिस्तान, अमेरिका (America)  और उसके साथियों का समर्थक बन गया है। उसकी मदद को अब आईएमएफ (IMF)  के कर्ज के तौर पर चुकाया जा रहा है।

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