नई दिल्ली। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Chief Minister Himanta Biswa Sarma) और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) के बीच काफी दिनों से ट्विटर वार छिड़ा हुआ है। इन सबके बीच असम के मुख्यमंत्री ने एक बड़ा प्रस्ताव रखा है। उन्होंने देश की पांच राजधानियों का प्रस्ताव रखा है। उनका कहना है कि जोन के हिसाब से राजधानियां होनी चाहिए, इससे क्षेत्रीय असमानता को कम करने में मदद मिलेगी।
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दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री @ArvindKejriwal जी को दूसरे राज्यों का मजाक उड़ाने की आदत हो गई है।
मेरा मानना है कि हमें देश के विभिन्न जोन की आर्थिक असमानता को दूर करने पर काम करना चाहिए।
क्या हम संतुलित विकास के लिए भारत की 5 राजधानियों पर विचार कर सकते हैं, हरेक जोन में एक?
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— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) August 29, 2022
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Chief Minister Himanta Biswa Sarma) ने ये बातें ट्वीट कर कहीं हैं। वह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) की बात का जवाब दे रहे थे। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Cm Himanta Biswa Sarma)ने ट्वीट कर लिखा है कि, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Cm Arvind Kejriwal) जी को दूसरे राज्यों का मजाक उड़ाने की आदत हो गई है। मेरा मानना है कि हमें देश के विभिन्न जोन की आर्थिक असमानता को दूर करने पर काम करना चाहिए। क्या हम संतुलित विकास के लिए भारत की 5 राजधानियों पर विचार कर सकते हैं, हरेक जोन में एक?
इससे दिल्ली सरकार के पास नार्थ-ईस्ट के राज्यों की तुलना में अथाह संसाधन जमा नहीं होगा।
सात दशकों की उपेक्षा के बाद, यशस्वी प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में नार्थ-ईस्ट को विकास की मुख्यधारा में लाने की प्रक्रिया सन् 2014 में शुरू हुई है। 2/3
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— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) August 29, 2022
इसके साथ ही लिखा है कि, इससे दिल्ली सरकार के पास नार्थ-ईस्ट के राज्यों की तुलना में अथाह संसाधन जमा नहीं होगा। सात दशकों की उपेक्षा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में नार्थ-ईस्ट को विकास की मुख्यधारा में लाने की प्रक्रिया सन् 2014 में शुरू हुई है। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में हम असम में स्वास्थ्य, शिक्षा एवं बुनियादी सुविधाओं के विस्तार के लिए जिस रफ्तार से काम कर रहे हैं, वह ऐतिहासिक है। नार्थ-ईस्ट के राज्यों को सहानुभूति और उपहास नहीं, विकास के लिए उचित संसाधन, समर्थन और सम्मान चाहिए।