नइ दिल्ली। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव किया। इस दौरान उन्होनें विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, विपक्ष ने जो संकल्प लिया है, उसकी सराहना करता हूं, उनके भाषण की एक-एक बात से मेरा और देश का विश्वास पक्का हो गया है कि इन्होंने लंबे अरसे तक वहां (विपक्ष में) रहने का संकल्प ले लिया है। उन्होंने कहा, जनता-जनार्दन तो ईश्वर का रूप होती है और आपलोग (विपक्ष) जिस तरह से इन दिनों मेहनत कर रहे हैं, मैं पक्का मानता हूं कि ईश्वर रूपी जनता-जनार्दन आपको पक्का आशीर्वाद देगी और आप अगले चुनाव में दर्शक दीर्घा में जरूर दिखेंगे।
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पीएम मोदी ने कहा, राष्ट्रपति जी ने भारत के उज्ज्वल भविष्य को देखते हुए चार मजबूत स्तंभों पर हम सबका ध्यान केंद्रित किया है। उनका सही आंकलन है कि देश के चार स्तंभ जितने ज्यादा मजबूत होंगे, विकसित होंगे, समृद्ध होंगे… हमारा देश उतनी ही तेजी से समृद्ध होगा। उन्होंने देश की नारी शक्ति, युवा शक्ति, गरीब भाई-बहन और देश के किसान की चर्चा की है, जो विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करेगी। साथ ही कहा, आज विपक्ष की जो हालत है, इसकी सबसे बड़ी दोषी कांग्रेस पार्टी है। कांग्रेस को एक अच्छा विपक्ष बनने का बहुत बड़ा अवसर मिला था, लेकिन 10 वर्षों में ये उस दायित्व को निभाने में भी विफल हो गए।
इसके साथ कहा कि, नौ दिन चले, ढाई कोस…ये कहावत पूरी तरह कांग्रेस को परिभाषित करती है। कांग्रेस की सुस्त रफ्तार का कोई मुकाबला नहीं है। आज देश में जिस रफ्तार के साथ काम हो रहा है, कांग्रेस सरकार इस रफ्तार की कल्पना भी नहीं कर सकती। हमने गरीबों के लिए 4 करोड़ घर बनाए इसमें से 80 लाख पक्के मकान शहरी गरीबों के लिए बने। अगर कांग्रेस की रफ्तार से काम हुआ होता तो इतना काम होने में 100 साल लगते, 100 पीढ़ियां बीत जातीं। 10 वर्ष में 40 हजार किलोमीटर रेलने ट्रैक का विद्युतीकरण हुआ है। अगर कांग्रेस की रफ्तार से देश चलता तो इस काम को करने में 80 साल लग जाते।
पीएम मोदी ने कहा, हमने 17 करोड़ से अधिक गैस कनेक्शन दिए हैं, अगर कांग्रेस की रफ्तार से चलते तो इस काम को करने में और 60 साल लग जाते हैं। तीन पीढ़ियां धुएं में खाना बनाने-बनाते गुजर जाती। कांग्रेस की जो मानसिकता है, जिसका देश को बहुत नुकसान हुआ है। कांग्रेस ने देश के सामर्थ्य पर कभी विश्वास नहीं किया, वो अपने आप को शासक मानते रहे और जनता-जनार्दन को कमतर आंकते गए।
उन्होंने कहा, नेहरू जी ने लाल किले से कहा था-हिंदुस्तान में काफी मेहनत करने की आदत आमतौर से नहीं है। हम इतना काम नहीं करते हैं… जितना यूरोप, जापान, चीन, रुस और अमेरिका वाले करते हैं। नेहरू जी की भारतीयों के प्रति सोच थी कि भारतीय आलसी हैं। साथ ही कहा, इंदिरा जी की सोच भी नेहरू जी से ज्यादा अलग नहीं थी। उन्होंने लाल किले से कहा था- दुर्भाग्यवश हमारी आदत ये है कि जब कोई शुभ काम पूरा होने को होता है तो हम आत्मसंतुष्टि की भावना से ग्रस्त हो जाते हैं और जब कोई कठिनाई आ जाती है तो हम नाउम्मीद हो जाते हैं।
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पीएम ने कहा, कांग्रेस का विश्वास हमेशा एक परिवार पर रहा है। एक परिवार के आगे न कुछ सोच सकते हैं और न ही कुछ देख सकते हैं। हमने अपने पहले कार्यकाल में यूपीए के समय के जो गड्ढे थे, उस गड्ढे को भरने काफी समय और शक्ति लगाई। हमने अपने दूसरे कार्यकाल में नए भारत की नींव रखी और तीसरे कार्यकाल में हम विकसित भारत के निर्माण को नई गति देंगे।