नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) से राज्यसभा में जाने वाले कांग्रेस प्रत्याशी को लेकर बुधवार को स्थिति साफ हो गई है। कांग्रेस हाईकमान (Congress High Command) ने अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Manu Singhvi) को हिमाचल से राज्यसभा के लिए प्रत्याशी बनाया है। इस संबंध में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Congress President Mallikarjun Kharge) की ओर से मंजूरी दी गई है। 15 फरवरी को शाम 5: 00 बजे तक राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Election ) के लिए राज्य विधानसभा में नामांकन पत्र दाखिल होने हैं। नामांकन के लिए अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Manu Singhvi) शिमला पहुंच गए हैं। मंत्री हर्षवर्धन और जगत सिंह नेगी ने उनका स्वागत किया है। बताया जा रहा है कि कल नामांकन दाखिल किया जाएगा।
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The Congress President Shri @Kharge has approved the candidature of the following persons as Congress candidates to contest the biennial elections to the Council of States from the states mentioned against their names. pic.twitter.com/fduRiKMsxW
— Congress (@INCIndia) February 14, 2024
जानें कौन हैं अभिषेक मनु सिंघवी?
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अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Manu Singhvi) कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं। वर्तमान में वह पश्चिम बंगाल से राज्यसभा सदस्य हैं। सिंघवी तीन बार सांसद रहे हैं। वह देश के सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ताओं में से एक हैं। सिंघवी का जन्म एक मारवाड़ी परिवार में 24 फरवरी 1959 को हुआ। उनके पिता लक्ष्मी मल्ल सिंघवी जैन इतिहास और संस्कृति के विद्वान थे। वह एक प्रसिद्ध वकील और ब्रिटेन में भारत के पूर्व उच्चायुक्त रहे। वे राज्यसभा में (1998-2004) के लिए चुने गए। उनकी माता का नाम कमला सिंघवी हैं।
सिंघवी 37 साल की उम्र में 1997 में भारत के सबसे कम उम्र के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल बन और 1998 तक एक वर्ष तक इस पद पर रहे। वह 2001 से कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं। अप्रैल 2006 को राज्यसभा के लिए चुने गए। अगस्त 2006- मई 2009 और अगस्त 2009- जुलाई 2011 तक सदस्य, कार्मिक, लोक शिकायत, कानून और न्याय समिति रहे। अगस्त 2006 से 2007 विभिन्न मंत्रालयों में सदस्य रहे। सितंबर 2006 से सितंबर 2010 सिंघवी विशेषाधिकार समिति के सदस्य रहे। जुलाई 2010 से विदेश मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य, जुलाई 2011 से कार्मिक, लोक शिकायत, कानून और न्याय समिति, सामान्य प्रयोजन समिति के अध्यक्ष रहे।