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MPPSC प्रीलिम्स में कश्मीर पर पूछा गया विवादित सवाल? बढ़ा बवाल तो आयोग बोला- नहीं होगा काउंट

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (Madhya Pradesh Public Service Commission) की रविवार 19 जून को प्रीलिम्स परीक्षा हुई थी। इस परीक्षा में कश्मीर को लेकर एक विवादित सवाल (Controversial question) पूछने के मामले में पेपर सेट करने वाले दोनों लोगों को ब्लैक लिस्ट कर दिया है।

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प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (Home Minister Narottam Mishra) ने मीडिया को बताया कि प्रश्न पत्र बनाने वाले महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के पेपर सैटर को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। उन्होंने कहा कि परीक्षा में पूछा गया प्रश्न आपत्तिजनक है। दोनों पर पीएससी उच्च शिक्षा विभाग को कार्रवाई के लिए लिख रहा है। दोनों के बारे में देशभर में सूचना दे दी गई है कि इनसे कोई भी काम न लें।

बता दें एमपीपीएससी प्रीलिम्स परीक्षा (MPPSC Prelims Exam) में अभ्यर्थियों से प्रश्न पत्र में पूछा गया कि क्या भारत को कश्मीर को पाकिस्तान को दे देने का निर्णय ले लेना चाहिए? इस सवाल के लिए चार विकल्प भी दिए गए थे। इसमें तर्क 1 दिया गया कि हां, इससे भारत का बहुत सा धन बचेगा। तर्क 2 था- नहीं, ऐसे निर्णय से इसी तरह की और भी मांगें बढ़ जाएंगी। इसके बाद दो अन्य विकल्प भी थे। परीक्षा में शामिल ज्यादातर अभ्यर्थियों ने डी ऑप्शन पर टिक किया, जिसमें ए और बी दोनों को ही गैरवाजिब बताया था। पीएससी कोचिंग से जुड़े चंद्रमौली मिश्रा ने सवाल को औचित्यहीन बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह का विवादित सवाल क्यों पूछा गया यह समझ से परे है। पेपर सेटर क्या सोचते हैं इससे यह प्रदर्शित होता है।

प्रश्न को किया विलोपित

विवाद होने पर मध्यप्रदेश राज्य सेवा आयोग (Madhya Pradesh Public Service Commission) ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि राज्य सेवा एवं राज्य वन सेवा प्रारंभिक परीक्षा-2021 के द्वितीय प्रश्न-पत्र सामान्य अभिरूचि परीक्षण सेट -“ए” के प्रश्न क्रमांक 48, सेट “बी” के प्रश्न क्रमांक-11, सेट “सी” के प्रश्न क्रमांक 36 तथा सेट “डी” के प्रश्न क्रमांक-31 में निहित प्रश्न सामग्री से आयोग सहमत नहीं है। परीक्षा नियंत्रक द्वारा बताया गया है कि आयोग द्वारा स्वतः संज्ञान में लेते हुए उक्त प्रश्न को द्वितीय प्रश्न-पत्र से विलोपित किया है। तद्नुसार परीक्षा संबंधी अग्रेत्तर अनुशासनात्मक कठोर गोपनीय रूप से कार्रवाई की जा रही है।

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