लखनऊ। यूपी की योगी सरकार (Yogi Government) के मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी (Minister Nand Gopal Gupta Nandi) की कंपनी के अकाउंटेंट के साथ साइबर ठगी (Cyber Fraud) की गई है। बता दें कि यह ठगी मंत्री के बेटे नाम पर की गई। जानकारी के मुताबिक ठगों ने 2 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी की है। साइबर ठगों (Cyber Fraudsters) ने मंत्री नंद गोपाल गुप्ता के बेटे की फोटो लगाकर अकाउंटेंट से तीन अलग-अलग बैंक खातों में पैसे मंगवाएं। बता दें कि यह घटना 13 नवंबर की बताई जा रही है। इस दिन ठगों ने नंद गोपाल गुप्ता नंदी (Nand Gopal Gupta Nandi) के अकाउंटेंट से 2 करोड़ 8 लाख रुपये की साइबर ठगी की। बता दें कि अकाउंटेंट रितेश श्रीवास्तव (Accountant Ritesh Srivastava) के पास व्हाट्सऐप पर मैसेज आया, जिस पर मंत्री नंदी के बेटे की तस्वीर लगी हुई थी।
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व्हाट्सऐप पर मैसेज भेजने वाले साइबर ठग (Cyber Fraudsters) ने कहा कि मैसेज भेजो मैं जरूरी बिजनेस मीटिंग में हूं। यह मेरा नया नंबर है। मीटिंग में फोन पर बात नहीं हो सकती है और यह बैठक देर तक चलेगी। कुछ लोगों को पेमेंट करना है, तुरंत पैसे भेजो। जानकारी के मुताबिक, ठग ने तीन अलग-अलग बैंक खातों में इन पैसों को मंगवाया। ठग ने आईसीआईसीआई बैंक(ICICI Bank) , एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) और एक अन्य बैक खाते में पैसे मंगाए। इसके बाद मंत्री की कंपनी के अकाउंटेंट ने तीन बैंक खातों दो करोड़ 8 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। कुछ देर बाद अकाउंटेंट रितेश को इसकी जानकारी मिली कि मोबाइल नंबर ना तो मंत्री के बेटे का है और ना ही उन्होंने इस तरह का कोई मैसेज भेजकर अपने खाते में पैसा मंगवाया है।
पुलिस ने बैंक खातों का लगाया पता
जैसे ही इस गलती का पता चला तो हड़कंप मच गया। अकाउंटेंट ने फौरन इसकी जानकारी मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी (Minister Nand Gopal Gupta Nandi) को दी। अकाउंटेंट रितेश श्रीवास्तव की शिकायत पर प्रयागराज के साइबर पुलिस स्टेशन में अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। साइबर थाने की पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। साइबर थाने की पुलिस ने जालसाजों के बैंक खातों की जानकारी हासिल कर ली है। साइबर थाना प्रभारी राजीव तिवारी (Cyber police station in-charge Rajiv Tiwari) के मुताबिक, जिन अकाउंट्स में पैसे ट्रांसफर किए गए, उन खाते को बैंक से फ्रीज करने का अनुरोध किया गया है। इसके लिए बैंक को मेल भेज दिया गया है। बैंक अकाउंट के आधार पर ठगों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।