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लखनऊ। परिवार कल्याण विभाग के डिप्टी सीएमओ (Deputy CMO of the Family Welfare Department) रहे डॉ. वाईएस सचान (Dr. YS Sachan) की लखनऊ जेल (Lucknow Jail) में हुई संदिग्ध हालात में मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है। 12 साल से न्याय की लड़ाई लड़ रहीं डॉ. सचान की पत्नी मालती हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच गई हैं। मालती की विशेष अनुमति याचिका को स्वीकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सुनने योग्य माना है। इस मामले में जल्द ही सभी विपक्षियों को नोटिस भेजा जाएगा।
एनआरएचएम घोटाले (NRHM Scam) में गोसाईगंज जेल में बंद डॉ. सचान की 22 जून 2011 को संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। तब से उनकी पत्नी मालती पति की मौत के जिम्मेदारों को सजा दिलाने के लिए भागदौड़ कर रही हैं। मालती के अधिवक्ता रोमिल श्रीवास्तव ने बताया कि डॉ. सचान की मौत की न्यायिक जांच हुई थी। 11 जुलाई 2011 को न्यायिक जांच रिपोर्ट में डॉ. सचान की मौत को हत्या करार दिया गया। मामले की सीबीआई जांच के आदेश हुए। मालती ने सीबीआई (CBI) की अंतिम रिपोर्ट के जरिये प्रोटेस्ट अर्जी को चुनौती दी थी।
19 नवंबर 2019 को विशेष अदालत ने इसे खारिज कर मालती की अर्जी को परिवाद के रूप में दर्ज किया था। एक साल पहले सीबीआई (CBI) की विशेष अदालत ने डॉ. सचान की मौत को हत्या व साजिश माना था। इसके बाद तत्कालीन अफसरों को तलब किया। इसके खिलाफ तत्कालीन अफसर हाईकोर्ट चले गए थे। हाईकोर्ट ने अफसरों को तलब करने पर रोक लगाने के साथ ही सीबीआई (CBI) के आदेश को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ डॉ. सचान की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) में अर्जी दी, जिसे मंगलवार को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।