नई दिल्ली। दिल्ली शराब घोटाला मामले (Delhi Excise Policy Case) में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की गिरफ्तारी के खिलाफ अरविंद केजरीवाल की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट में बुधवार को फिर सुनवाई हुई। केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Manu Singhvi) तो ईडी (ED) की ओर से एएसजी एसवी राजू ने अदालत में अपनी अपनी दलीलें दीं। तमाम दलीलों को सुनने के बाद दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने अपना फैसला कुछ देर के लिए सुरक्षित रख लिया। इसके बाद देर शाम कोर्ट ने अपने फैसले में केजरीवाल को ईडी (ED) की हिरासत से राहत नहीं मिली। इसके अलावा कोर्ट ने ईडी (ED) को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब मांगा।
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‘मेरी गिरफ़्तारी की बुनियाद ही है गलत’
वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Manu Singhvi) ने अपनी दलील में कहा कि आचार संहिता के दौरान एक मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया गया। यदि आप समान्यता खेल के मैदान को बाधित करने के लिए कुछ करते हैं, तो आप लोकतंत्र के दिल पर चोट करते हैं। सवाल गिरफ़्तारी के समय का है। मेरी प्रार्थना है कि मुझे अभी रिहा कर दें क्योंकि मेरी गिरफ़्तारी की बुनियाद ही गलत है, यही मेरी अंतरिम प्रार्थना है।
कोर्ट ने ईडी से दो अप्रैल तक जवाब तलब किया
दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) की जज स्वर्ण कांता शर्मा कहा कि वह मुख्य याचिका पर ईडी (ED) को नोटिस जारी करेगी। कोर्ट ने कहा कि अगर केजरीवाल अंतरिम राहत मांग रहे हैं, तो उस पर विचार किया जा सकता है। ईडी (ED) की ओर से एसवी राजू ने इसका विरोध किया और कहा कि हम इस पर अपना जवाब देना चाहते हैं, इसके लिए हमें थोड़ा वक्त चाहिए। फैसले में कोर्ट ने ईडी (ED) से दो अप्रैल तक जवाब तलब किया है।