लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के नेता व जिला पंचायत सदस्य मनजीत सिंह ने एक बयान में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का धन्यवाद किया है। उन्होंने कहा, उत्तर प्रदेश के पीलीभीत, रामपुर, बिजनौर, बरेली, लखीमपुर खीरी सहित सात जिलों में पिछले 60 वर्षों में बसे किसानों को उनके मालिकना हक देने का निर्णय एक ऐतिहासिक कदम है। श्री सिंह ने कहा की इन जिलों के किसान पिछले 60 वर्षों से उक्त जमीन पर खेती करते चले आ रहे थे लेकिन उनको मालिकाना हक न मिलने के कारण वह बैंकों से कर्ज नहीं ले सकते थे। कोर्ट में किसी की जमानत नहीं ले सकते थे, यहां तक की कई किसानों के गन्ने के सट्टे भी बंद थे।
पढ़ें :- फर्जी दस्तावेज़ों के सहारे नेपाल में घुसने की कोशिश नाकाम,सोनौली बॉर्डर पर भारतीय मूल का कनाडाई नागरिक गिरफ्तार
इन जिलों के किसानों की तीन पीढ़ियां पिछले 60 वर्षों से जूझ रही थीं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने संज्ञान लेकर इन किसानों को उनकी भूमि मालिक बनाने का काम किया है। श्री सिंह ने कहा भूमिधारी अधिकार मिलने से टाटरगंज, बमनपुर, बेलहा, सिद्ध नगर, शास्त्री नगर, नेहरू नगर, रामनगर, अयोध्या नगर, लक्ष्मण नगर, शांति नगर, गांधीनगर, श्रीनगर, कबीरगंज, राणा प्रताप नगर, विजय नगर, गौतम नगर, कुठिया गुदिया, चंदिया हजारा सहित जनपद पीलीभीत के कई दर्जन गांव के किसानों को उसका लाभ मिलेगा।
#UPCM @myogiadityanath ने आज सरकारी आवास पर आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में सम्बन्धित अधिकारियों को प्रदेश के विभिन्न जनपदों में बसाए गए पूर्वी पाकिस्तान (वर्तमान बांग्लादेश) से विस्थापित परिवारों को विधिसम्मत भूस्वामित्व अधिकार देने की दिशा में ठोस कार्रवाई के निर्देश दिए।… pic.twitter.com/10fxpzcJ5b
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) July 21, 2025
पढ़ें :- Ayodhya News : हनुमानगढ़ी में संत को जिंदा जलाने की कोशिश, आश्रम में खिड़की काटकर लगाई आग, जांच में जुटी पुलिस
बता दें कि, आज लखनऊ स्थित कालिदास मार्ग पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में उन्होंने पूर्वी पाकिस्तान (वर्तमान बांग्लादेश) से विस्थापित होकर प्रदेश के विभिन्न जिलों में बसे परिवारों को विधिसम्मत भूस्वामित्व अधिकार देने की दिशा में ठोस और प्रभावी कार्रवाई के निर्देश दिए। यह निर्णय उन परिवारों के लिए बड़ी राहत और सम्मान का विषय है, जो दशकों से अपने अधिकार की प्रतीक्षा कर रहे थे।