नागपुर। भारत की नंबर चार महिला शतरंज खिलाड़ियों में अपनी जगह बना चुकी 19 वर्षीय दिव्या देशमुख अपने खेल जीवन में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए विश्व जूनियर शतरंज चैंपियनशिप जीत लिया है। दिव्या 15 साल के विश्व जूनियर के खिताब के सूखे को खत्म करते हुए भारत की कोनेरु हम्पी , हरिका द्रोणावल्ली और सौम्या स्वामीनाथन के बाद ऐसा करने वाली चौंथी भारतीय खिलाड़ी बनी हैं।
पढ़ें :- झारखंड में शपथ ग्रहण के बाद हेमंत सरकार का बड़ा फैसला, मैया सम्मान योजना के तहत महिलाओं को मिलेंगे 2500 रुपए
बुधवार को गुजरात के गांधीनगर में अंडर-20 वर्ग में शीर्ष भारतीय खिलाड़ी ने 14 वर्षीय हमवतन साची जैन के प्रभावशाली दौर को समाप्त करने के लिए 26 चालें लीं और अपराजित रहीं और एकल बढ़त बनाए रखी। दिव्या ने अपने अंकों की संख्या नौ कर ली है और उनके बाद आर्मेनिया की दूसरी वरीयता प्राप्त मरियम मकर्चयन (8.5 अंक) का स्थान है। 10वें राउंड में मरियम ने श्रीलंका की उभरती प्रतिभा गुणवर्धन देविन्द्या ओशिन को 50 चालों में हराया। चैंपियनशिप में भाग ले रहे 27 देशों के 101 खिलाड़ियों में से दिव्या, मरियम और बुल्गारिया की क्रस्टेवा बेलोस्लावा फिडे रेटिंग के अनुसार तीन शीर्ष-20 जूनियर लड़कियां हैं। दो अपराजित भारतीयों के बीच शीर्ष बोर्ड की लड़ाई में, दिव्या ने सफ़ेद मोहरों के साथ अपने शुरुआती लाभ का अच्छा उपयोग किया और अपनी आठवीं जीत दर्ज की और आगे रहीं।
उनके और साची के बीच इंग्लिश ओपनिंग गेम में, नागपुर की 18 वर्षीय इंटरनेशनल मास्टर (आईएम) ने अपने दो मोहरों की बलि देकर एक मोहरा बना लिया। एक अतिरिक्त घोड़ा और पहले से ही आगे बढ़े हुए घोड़ों के साथ दिव्या ने अपनी रानी को सक्रिय किया और साची को 26वीं चाल में हार मानने पर मजबूर कर दिया। नागपुर की मृदुल देहानकर ने हमवतन शांमथी श्री के खिलाफ 10वें राउंड में जीत हासिल कर वापसी की और 6.5 अंक हासिल कर संयुक्त पांचवें स्थान पर बनी रहीं। गुरुवार को दिव्या (2456 एलो) का सामना बुल्गारिया की तीसरी वरीयता प्राप्त बेलोस्लावा से होगा, जबकि मरियम का मुकाबला भारत की छठी वरीयता प्राप्त रक्षिता रवि से होगा। दिव्या की जीत से नागपुर की यह लड़की विश्व जूनियर गर्ल्स चैंपियन बनी हैं।