नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ईडी निदेशक संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल विस्तार को अवैध ठहरा दिया है। जिसको लेकर अब राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला सरकार के मुंह पर करारा तमाचा है।
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ईडी निदेशक के कार्यकाल का विस्तार पूरी तरह से अवैध
कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कहा कि उनकी पार्टी शुरू से कहती रही है कि ईडी निदेशक के कार्यकाल का विस्तार पूरी तरह से अवैध है। कांग्रेस पार्टी का रुख सही साबित हुआ है। सरकार आज बेनकाब हो गई है। उन्होंने कहा कि इससे अब यह स्पष्ट हो गया है कि केंद्र सरकार विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने और गैर-भाजपा शासित राज्यों में निर्वाचित सरकारों को अस्थिर करने के लिए एजेंसियों का दुरुपयोग कैसे कर रही है।
सुरजेवाला ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी याचिका
कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कार्यकाल के विस्तार को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत को ईडी और सीबीआई निदेशकों के कार्यकाल के विस्तार पर कानून की वैधता को बरकरार रखने के फैसले पर भी पुनर्विचार करने की जरूरत है। सुरजेवाला ने हिंदी में ट्वीट करते हुए कहा कि विपक्ष के माध्यम से उठाई जा रही जनता की आवाज को दबाना, राज्यों में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई विपक्षी सरकारों को अस्थिर करना और विपक्ष के नेताओं को डरा-धमका कर अपनी पार्टी में शामिल कराना ही भाजपा का मकसद है।
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ईडी निदेशक के पास काम निपटाने के लिए 31 जुलाई तक का समय
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय के प्रमुख संजय कुमार मिश्रा को दिए गए तीसरे विस्तार को अवैध ठहराया और शीर्ष अदालत ने उन्हें अपने लंबित काम निपटाने के लिए 31 जुलाई 2023 तक का समय दिया है। संजय कुमार मिश्रा को नवंबर 2018 में प्रवर्तन निदेशालय के पूर्णकालिक प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया था। संजय मिश्रा 1984-बैच के भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) आयकर कैडर के अधिकारी हैं। उन्हें पहले जांच एजेंसी में प्रमुख विशेष निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था। ईडी में नियुक्ति से पहले संजय मिश्रा दिल्ली में आयकर विभाग के मुख्य आयुक्त के रूप में कार्यरत थे।