शहरों में प्रत्येक मोहल्ले में पेयजल की उपलब्धता, पानी की टंकियों की स्वच्छता और व्यवस्थित पेयजल वितरण जैसे कार्य सुचारू रूप से सम्पन्न हों। ग्रामों में नल-जल योजनाओं के क्रियान्वयन से ग्रामीण आबादी को लाभान्वित किया जाए। हर घर में टोंटी से जल पहुंचाने के कार्य पूर्ण किए जाएं। जिन क्षेत्रों में पेयजल की समस्या है, वहां लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, स्थानीय निकाय मिलकर नागरिकों के लिए समाधान की कार्यवाही करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव सोमवार को समत्व भवन (मुख्यमंत्री निवास) में हुई एक बैठक में पेयजल प्रबंधों की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के जनजातीय बहुल क्षेत्रों में धरती आबा उत्कर्ष अभियान में अन्य विभागों के सहयोग से पेयजल प्रबंध के कार्य भी सम्पन्न किए जाएं। अन्य ग्रामों में एकल ग्राम नल-जल योजना और जल जीवन मिशन के अंतर्गत हर घर जल घोषित ग्रामों में पेयजल की सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। पेयजल प्रदाय के साथ ही स्वच्छता से संबंधित गतिविधियों का भी संचालन किया जाए। पंचायत एवं ग्रामीण विकास और कृषि विभाग के अमले का सहयोग भी पेयजल प्रदाय में प्राप्त किया जाए। पंचायतों के पदाधिकारी और शहरों में नगरीय निकायों के अमले द्वारा पेयजल प्रदाय को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पेयजल के साथ स्वच्छता के कायों को पूर्ण कर प्रदेश को, देश में मॉडल बनाया जा सकता है।
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शहरों और ग्रामों में नागरिकों के लिए सुनिश्चित करें पीने के पानी का प्रबंध
By Shital Kumar
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