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Excise Policy Case: CBI ने केजरीवाल और अन्य के खिलाफ  दाखिल किया आरोपपत्र, बताया मुख्य साजिशकर्ता

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने सोमवार को आबकारी नीति मामले (Excise Policy Case) के सिलसिले में दिल्ली के मुख्यमंत्री (CM) अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) और अन्य के खिलाफ राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) में पूरक आरोपपत्र दाखिल कर दिया । (CBI) ने आरोप पत्र में मुख्यमंत्री पर आबकारी नीति मामले (Excise Policy Case) में मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक होने का आरोप लगाया है। इस साल जून की शुरुआत में, सीबीआई (CBI) ने केजरीवाल को शराब नीति मामले (Excise Policy Case)  में गिरफ्तार किया था, जब राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) ने एजेंसी को आप सुप्रीमो केजरीवाल से अदालत में पूछताछ करने की अनुमति दी थी।

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सीबीआई (CBI) ने दिल्ली आबकारी नीति (Excise Policy) के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं की व्यापक जांच के बाद आरोपपत्र दायर किया है, जिसमें पर्याप्त वित्तीय कदाचार शामिल होने का दावा किया गया है। एजेंसी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पर शराब नीति मामले (Excise Policy Case)  में ‘मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक’ होने का आरोप लगाया है। आरोपपत्र में कहा गया है कि आप के पूर्व मीडिया प्रभारी और केजरीवाल के करीबी सहयोगी विजय नायर कई शराब उत्पादकों और व्यापारियों के संपर्क में थे।

सीबीआई (CBI)  ने आरोपपत्र में यह भी दावा किया है कि शराब नीति (Excise Policy)  पर दिल्ली के पूर्व मंत्री मनीष सिसोदिया (Former Delhi minister Manish Sisodia_ के फैसलों को पूर्वव्यापी मंजूरी केजरीवाल की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने दी थी। एजेंसी ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने बिना किसी तर्क के शराब के थोक विक्रेताओं का लाभ मार्जिन 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत करवा लिया।
सीबीआई (CBI)  ने अदालत के समक्ष पहले की सुनवाई में कहा था कि अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal)  कथित शराब घोटाले की साजिश का हिस्सा हैं। दिल्ली सरकार के सभी फैसले उनके निर्देशों के अनुसार ही लिए गए थे। केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 21 मार्च को कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े एक मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया था। उसके बाद से सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी है, लेकिन वे अभी भी जेल में हैं क्योंकि सीबीआई (CBI) ने उन्हें उसी मामले में गिरफ्तार किया था।
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