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नकली खोपड़ी, झूठी कहानी… धर्मस्थल केस में आया बड़ा ट्विस्ट, फर्जी सबूत देने वाला व्हिसलब्लोअर गिरफ्तार

By Aakansha Upadhyay 
Updated Date

कर्नाटक के मंगलुरु के धर्मस्थल में लाशों को दफनाने से मामले में एक नया ट्विस्ट आया है।  आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, पिछले दो दशकों में धर्मस्थल में कई हत्याओं, दुष्कर्मों और लाशों को दफनाने का आरोप लगाने वाले शिकायतकर्ता को इन आरोपों की जांच के लिए गठित एसआईटी ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। एसआईटी चीफ प्रणब मोहंती ने शिकायतकर्ता से शुक्रवार को लंबी पूछताछ की और शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। बता दें कि एसआईटी ने किसी का नाम रिविल नहीं किया था।

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दस्तावेजों में गड़बड़ी पर गिरफ्तार

जांच अधिकारियों ने बताया कि बयानों और उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों में गड़बड़ियां पाए जाने के बाद यह गिरफ्तारी की गई। मामले में एसआईटी की जांच जारी है। घंटों पूछताछ के बाद शिकायतकर्ता को मेडिकल जांच के लिए अस्पताल ले जाया गया।

धर्मस्थल में शवों को दफनाने का दावा

शिकायतकर्ता, जो एक पूर्व सफाई कर्मचारी है, उसने दावा किया था कि उसने 1995 से 2014 के बीच धर्मस्थल में काम किया था और उसे धर्मस्थल में महिलाओं और नाबालिगों सहित कई शवों को दफनाने के लिए मजबूर किया गया था। उसने आरोप लगाया था कि कुछ शवों पर यौन उत्पीड़न के निशान थे। उन्होंने इस संबंध में एक मजिस्ट्रेट के सामने बयान भी दिया था।

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शिकायत के बाद SIT ने की खुदाई

शिकायत के बाद, एसआईटी धर्मस्थल में नेत्रवती नदी के किनारे वन क्षेत्रों में शिकायतकर्ता की निशानदेही पर कई जगहों पर खुदाई की, जहां दो जगहों से कुछ कंकाल मिले हैं।

विधानसभा में उठा धर्मस्थल का मुद्दा

कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने हाल ही में विधानसभा में कहा था कि अगर एसआईटी को शिकायतकर्ता के आरोप झूठे लगते हैं, तो उनके खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई की जा सकती है। उन्होंने कहा कि अभी तक केवल खुदाई हुई है, और यह भी कहा कि जांच अभी शुरू भी नहीं हुई है।

 

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