पर्दाफाश न्यूज़ ब्यूरो महराजगंज :: फसली सीजन में नेपाल में यूरिया की मांग बढ़ गई है। तस्कर इसका खूब फायदा उठा रहे हैं। भारतीय क्षेत्र से साइकिल पर खाद की बोरियां लेकर कैरियर आसानी से सरहद पार कर रहे हैं। एक कैरियर दिन में तीन से चार चक्कर लगा रहा है।
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सूत्रों की मानें तो कैरियर रास्ता बदलकर हर बार जाते हैं। जिले में खाद की कमी नहीं है। समितियों पर सुबह 10 बजे तक ही खाद मिल रही है। अन्य खाद विक्रेता डीएपी, यूरिया, पोटाश सहित अन्य खादों की भारी मात्रा में कालाबाजारी कर रहे हैं। खाद पर दुकानदार अधिक दाम वसूल रहे हैं, जिससे किसान परेशान हैं।
भारत नेपाल सीमा के सीमावर्ती गांव से खाद की तस्करी चोरी-छिपे जारी है। इसके कारण भारत नेपाल सीमा से सटे बाजारों से तस्कर साइकिल, बाइक व अन्य माध्यम से खाद नेपाल ले जा रहे हैं। इसके कारण पर्याप्त मात्रा में खाद की उपलब्धता के बावजूद किसानों को अधिक मूल्य पर खाद खरीदना पड़ता है। खुले बॉर्डर से तस्कर खाद का खेप नेपाल पहुंचाने में लगे हैं।
तस्करी में खाद के दुकानदारों की भी संलिप्तता होती है। प्रशासन द्वारा जांच भी की जाती है, लेकिन दुकानदार अपना स्टॉक अपडेट कर अधिकारियों को झांसा देने में सफल रहते हैं। दुकानों पर रेट चार्ट व स्टॉक की सूची भी नहीं दर्ज होती है, जिससे किसानों से दुकानदार मनमानी वसूली करते हैं। सूत्र बता रहे हैं कि यूरिया का मूल्य 375 रुपये है। वहीं डीएपी 1550 रुपये है। वहीं एक दुकानदार ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि यूरिया नेपाल में 625 और डीएपी 2500 में आसानी से बिक जाती है।
जय प्रकाश त्रिपाठी, क्षेत्राधिकारी नौतनवा ने बताया सख्ती बरती जा रही है। अगर कहीं ऐसा हो रहा है तो कार्रवाई की जाएगी।