नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लोकसभा में दिए गए संबोधन को लेकर सदन में जबरदस्त हंगामा हुआ। राहुल गांधी के तुरंत बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भाषण शुरू किया। उन्होंने कहा कि, पहली बार सदन में भारत माता की हत्या की बात हुई है। कांग्रेस ने इस पर ताली पीटी है। मैं हिंदुस्तानी होने के नाते कहती हूं कि मणिपुर विभाजित नहीं है इसी देश का अंग है। इन्हीं के अलायंस के एक सदस्य बैठे हैं जिन्होंने तमिलनाडु में कहा कि भारत का मतलब मात्र उत्तर भारत।
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अगर राहुल गांधी में हिम्मत हों तो अपने साथी की बात का खंडन करके बताएं। अगर गांधी खानदान में हिम्मत है तो बताएं कि कश्मीर में रेफरेंडम की बात क्यों की गई। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, जिन वादियों को हिंदुस्तान ने खून से सना देखा है वह कांग्रेस की वजह से। वहां की बेटियों को जब प्रताड़ित किया जाता था तो वहां कानून का सहारा नहीं था। अगर इनका वश चले तो ये धारा 370 हटा दें।
इस देश में अब धारा 370 नहीं लौटेगी। इसके साथ ही स्मृति ईरानी ने सदन में पश्चिम बंगाल, राजस्थान में महिलाओं पर हुए अत्याचार के मामले गिनाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का यह लक्षण है कि यह महिलाओं पर अत्याचार होती है तो हंसते हैं और भारत माता की हत्या की बात पर मेज थपथपाते हैं। हमारे देश में महिलाएं शौच जाने के लिए भी अंधेरे का इंतजार करती थीं। आज प्रधानमंत्री के प्रयास से सबको टॉइलट की सुविधा पहुंचाई गई है।
1984 के दंगे पर कांग्रेस को घेरा
लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने केंद्र में कांग्रेस की सरकार के समय हुए 1984 के सिख विरोधी दंगों और कश्मीर में अशांति के मुद्दे उठाए। समृति इरानी ने कहा कि देश में आज महिलाएं सैनिक स्कूल में पढ़ सकती हैं। सेना में अफसर बन रही हैं। महिलाओं को अधिकार दिए गए हैं। महिलाओं के लिए रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा का प्रावधान किया गया।