नई दिल्ली। मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Money Laundering Cases) में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन (Satyendra Jain) को राहत देने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने जैन की सभी याचिकाएं खारिज कर उन्हें तुरंत सरेंडर करने के लिए कहा है। उन्हें बुधवार को ही कोर्ट में पेश होना होगा। सत्येंद्र जैन (Satyendra Jain)के अलावा मामले में सह आरोपी अंकुश जैन और वैभव जैन की भी जमानत याचिकाएं खारिज हो गई हैं।
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मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) के आरोपी दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendra Jain) की नियमित जमानत पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को फैसला सुनाया। जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने यह फैसला सुनाया है। मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) के मामले में सत्येंद्र जैन को मई 2022 में ED ने गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने मेडिकल ग्राउंड पर उन्हें करीब नौ महीने पहले अंतरिम जमानत दी थी।
अंतरिम जमानत पर बाहर थे जैन
हालांकि कोर्ट ने उन पर इस मामले से जुड़े गवाहों, शिकायतकर्ताओं आदि पर प्रभाव का इस्तेमाल करने, उनसे और मीडिया से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संपर्क करने, राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा लेने जैसी कई तरह की पाबंदियां भी लगाई थीं।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 26 मई 2023 को सत्येंद्र जैन (Satyendra Jain) को इलाज के लिए अंतरिम जमानत पर छह हफ्ते के लिए न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) से छोड़ा था। समय-समय पर बढ़ते हुए अब इस अवधि को नौ महीने से भी ज्यादा वक्त हो गया है।
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जानें क्या है पूरा मामला?
साल 2018 में ED ने इस मामले में सत्येंद्र जैन (Satyendra Jain) से पूछताछ की थी। दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Delhi Deputy CM Manish Sisodia) ने 22 मई 2022 में उनकी गिरफ्तारी का विरोध भी किया था। इसके बाद 26 मई, 2023 को सत्येंद्र जैन (Satyendra Jain) को खराब स्वास्थ्य के आधार पर जमानत मिल गई थी। तबसे वह इलाज करा रहे हैं। AAP नेता के खिलाफ CBI ने 2017 में प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत एफआईआर (FIR) फाइल की थी। इस एफआईआर (FIR) में सत्येंद्र जैन (Satyendra Jain) पर मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) का आरोप लगाया गया था। एफआईआर (FIR) के मुताबिक मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) चार कंपनियों के जरिये की गई जो सीधा सत्येंद्र जैन (Satyendra Jain) से जुड़ी हैं।