GIG Workers Pension Scheme India: आपके ऑनलाइन ऑर्डर करते ही चंद मिनटों में आपके दरवाजे पर लजीज खाना पहुंचाने वाला डिलीवरी ब्वॉय भी अब पेंशन का हकदार होगा। इस तरह से बिना नौकरी, बिना वेतन या रोजाना पगार के केवल काम या ट्रांजैक्शन के आधार पर भुगतान पाने वाले डिलीवरी ब्वॉय, कूरियर ब्वॉय समेत देश के एक करोड़ गिग वर्कर्स को इस पेंशन का फायदा मिलेगा।
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दरअसल, भारत सरकार की लेबर मिनिस्ट्री ने इससे संबधित पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। राज्य सरकारों, कारोबारी संगठनों और ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधियों के साथ इस पर चर्चा के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा। भारत सरकार अभी इस पॉलिसी पर सभी संबंधित पक्षों के बीच सहमति बनाने की कोशिश कर रही है।
UAN नंबर से मिलेगी सुविधा
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, गिग वर्कर्स को पेंशन की सुविधा देने के साथ ही दूसरी सोशल सिक्योरटी संबधी फैसिलिटी देने के लिए भारत सरकार हर गिग वर्कर को UAN यानी यूनिवर्सल एकाउंट नंबर की सुविधा देगी। इस नंबर के जरिए चाहे गिग वर्कर किसी भी प्लेटफॉर्म या कंपनी के साथ काम करें, वे पेंशन या सोशल सिक्योरिटी से संबंधित दूसरी सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे। इसके लिए उन्हें ई-श्रम पोर्टल पर जाकर भी रजिस्ट्रेशन कराना होगा। गिग वर्कर्स को पेंशन की यह सुविधा उनके ट्रांजेक्शन के साथ लिंक होगी। यानी वे कितना काम करते हैं या डिलीवरी ब्वॉय के रूप में कितने जगह सामान पहुंचाते हैं, इसके आधार पर ही उनके पेंशन के लिए योगदान की गणना होगी।
बाकी पेंशन लायबलिटी का बंटवारा केंद्र सरकार और राज्य सरकार अपस में करेगी। जीएसटी शेयरिंग फॉर्मूले के आधार पर ही यह बंटवारा तय होगा।कंपनियों की मॉनीटरिंग और गिग वर्कर्स के केयर के लिए भी केंद्र और राज्य सरकार आपस में यही तरीका अपनाएंगे। इसके तहत भारत सरकार गिग वर्कर्स की पूरी सोशल सिक्योरिटी सुनिश्चित करना चाहती है। इसकी मांग काफी समय पहले से की जा रही थी।
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कंपनियों को भी देना होगा कंट्रीब्यूशन
गिग वर्कर्स के पेंशन फंड में एग्रीगेटर्स प्लेटफॉर्म चलाने वाली कंपनियों को भी अपना योगदान देना होगा। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पॉलिसी का अभी जो प्रारंभिक ड्राफ्ट तैयार किया गया है, उसके तहत गिग वर्कर्स से काम लेने वाली कंपनियों को अपने एनुअल टर्नओवर का 1-2 फीसदी कंट्रीब्यूशन इस फंड में देना पड़ सकता है।