नई दिल्ली। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय (Ministry of Commerce and Industry) द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर में भारत का व्यापार घाटा बढ़कर 42 बिलियन डॉलर के दूसरे उच्च स्तर पर पहुंच गया। अमेरिका के भारी टैरिफ की पृष्ठभूमि में निर्यात में 12 प्रतिशत की गिरावट आई और महंगे सोने के आयात को 1976 बिलियन डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा दिया। व्यापार विशेषज्ञों ने कहा कि त्योहारी सीजन से पहले सोने की कीमतों में तेज उछाल के कारण सट्टा मांग बढ़ सकती है जो अल्ब्राड में जारी नहीं रह सकती है। जिससे संभवत आगामी महीनों में आयात संख्या में समान गिरावट आ सकती है।
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आईसीआरए की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर (Aditi Nayar, Chief Economist, ICRA) ने कहा कि सोने के आयात में साल-दर-साल तीन गुना वृद्धि के बीच आयात में वृद्धि हुई है और यह 14.72 बिलियन डॉलर हो गया है, जबकि इस महीने तेल आयात में गिरावट आई है। नायर ने कहा कि जहां सोने के आयात में वृद्धि हुई, वहीं गैर-तेल और गैर-सोने के आयात में भी वृद्धि देखी गई। गैर-तेल गैर-सोना आयात एक मिहस्तान द्वाराउर्वरकों, मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक सामान, अलौह धातुओं और चांदी के नेतृत्व में साल-दर-साल 12.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
आधिकारिक आंकड़ों से पता चला है कि डीआईए का आयात 16.163 प्रतिशत बढ़कर 87600 बिलियन डॉलर हो गया, जो कि ग्रिल्ड, चांदी और उर्वरक के आयात में उछाल के कारण हुआ, तथा निर्यात 12 प्रतिशत घटकर 34.18 बिलियन डॉलर रह गया। सोने का आयात 200 प्रतिशत बढ़कर 14.72 बिलियन डॉलर हो गया, जबकि चांदी का आयात 528 प्रतिशत बढ़कर 27 बिलियन डॉलर हो गया