नए मानदंडों के अनुसार अब भारत में बेचे जाने वाले गाड़ियों के टायर कुछ निश्चित बेंचमार्क को पूरा करने की आवश्यकता होगी। नए मानदंडों के अनुसार अब कंपनियों को रोलिंग रेजिस्टेंस, वेट ग्रिप और रोलिंग साउंड एमिशन के नए मानदंडों का पालन करना होगा।
पढ़ें :- New Bajaj Chetak 35 Series: बजाज की नई चेतक 35 सीरीज लॉन्च; पावरफुल बैटरी व ज्यादा रेंज समेत कई एडवांस फीचर्स से लैस
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने अपने मसौदा अधिसूचना में सभी नए टायरों के लिए इस साल अक्टूबर से लागू होने वाले नए टायर मानदंडों का प्रस्ताव पारित किया है। इस बीच, मौजूदा टायर मॉडल को अक्टूबर 2022 से मानदंडों का पालन करना होगा।
परिवहन मंत्रालय ने एक सूचना में बताया कि भारत कई घरेलू और वैश्विक टायर निर्माताओं का उत्पादन केंद्र है। इसलिए, सुरक्षा मानदंडों को पूरा करने में कंपनियों को कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। वर्तमान में, भारत में बेचे जाने वाले टायरों को गुणवत्ता नियंत्रण आदेश के तहत अनिवार्य बीआईएस (BIS) सर्टिफिकेशन प्रदान किया जाता है।
हालांकि, यह ग्राहकों को ऐसी जानकारी नहीं देता है जो जिससे ग्राहक टायर खरीदने से पहले एक सूचित विकल्प चुन सकें। बीआईएस मार्किंग टायर निर्माताओं के लिए जवाबदेही भी नहीं लाता है, जिसका नए मानदंडों में लागू करने का लक्ष्य है। नए मानदंड भारत में बेचे जाने वाले टायरों को अमेरिका, यूरोप, जापान और अन्य विकसित बाजारों में लागू कानूनों को घरेलू बाजार में लागू करने में मदद करेंगे।