वाराणसी। यूपी (UP) के वाराणसी जिले (Varanasi District) में स्थित ज्ञानवापी परिसर (Gyanvapi Campus) में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रोक लगाने की मांग वाली जनहित याचिका (PIL) पर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट में यह याचिका राखी सिंह व अन्य की तरफ से दाखिल की गई थी। इस पर मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर (Chief Justice Pritinkar Diwakar) और न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव (Justice Ashutosh Srivastava) की खंडपीठ ने सुनवाई की।
पढ़ें :- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 22 जिला जज व दो एडीजे रैंक के न्यायिक अधिकारियों का किया तबादला, देखें लिस्ट
इस जनहित याचिका (PIL) में मांग की गई थी कि श्रृंगार गौरी केस (Shringar Gauri Case) में जब तक वाराणसी जिला अदालत (Varanasi District Court) का फैसला नहीं आ जाता तब तक परिसर में गैर हिंदुओं का प्रवेश प्रतिबंधित किया जाए और ज्ञानवापी परिसर (Gyanvapi Campus) में मिले हिंदू प्रतीक चिन्हों को संरक्षित रखने का आदेश दिया जाए।
जनहित याचिका में कहा गया था कि वाराणसी में श्री आदि विश्वेश्वर मंदिर (वर्तमान ज्ञानवापी परिसर) के सदियों पुराने अवशेषों को बचाना है। दावा किया गया था कि विवादित स्थल (सेटलमेंट प्लॉट नंबर 9130 वार्ड और दशाश्वमेघ वाराणसी) पर एक भव्य मंदिर हुआ करता था, जहां भगवान शिव ने स्वयं ज्योतिर्लिंग की स्थापना की थी।
1669 में औरंगजेब ने नष्ट कराया था मंदिर
सन् 1669 में मुस्लिम शासक औरंगजेब ने इस मंदिर को नष्ट कर दिया था। कहा गया है कि उक्त मंदिर को नष्ट करने के बाद मुसलमानों ने अनधिकृत रूप से मंदिर परिसर में अतिक्रमण किया और एक संरचना बनाई जो कि कथित ज्ञानवापी मस्जिद है।