मुजफ्फरनगर। यूपी के मुजफ्फरनगर जिले से ऐसी खबर सामने आई है, जिससे हर कोई हैरान है। यहां शादी से कुछ घंटे पहले ब्यूटी पार्लर में सजने गई दुल्हन होम्योपैथिक चिकित्सक सुषुम्ना शर्मा (Bride is Homeopathic Doctor Sushumna Sharma) को दिल का दौरा पड़ गया। परिजन गंभीर हालत में मेरठ लेकर जाने लगे, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।
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शहर के शांतिनगर निवासी प्रसिद्ध होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. भारत भूषण के बेटे डॉ. विजय भूषण (Dr. Vijay Bhushan) की शादी झांसी के प्रसिद्ध योगाचार्य अविनाश की पुत्री डॉ. सुषुम्ना शर्मा (Dr. Sushumna Sharma) के साथ मंगलवार रात भोपा रोड स्थित नाथ फार्म्स में होनी थी।
शाम के समय दुल्हन डॉ. सुषुम्ना शर्मा (Dr. Sushumna Sharma) शहर के ब्यूटी पार्लर में सजने गई। इस दौरान उसे दिल का दौरा पड़ गया। वधू पक्ष के लोग हायर सेंटर के लिए लेकर दौड़े, लेकिन रास्ते में ही मौत हो गई। दुल्हन पक्ष के लोग शव को मेरठ से लेकर झांसी के लिए रवाना हो गए। दुल्हन की मौत की जानकारी मिलते ही शादी में शामिल होने के लिए पहुंचे रिश्तेदार और परिचित गमजदा हो गए। बाद में दूल्हा पक्ष के लोग भी झांसी चले गए।
दुल्हन की मौत से मातम में बदल गईं शादी की खुशियां
मुजफ्फरनगर के शांतिनगर में खुशियां छाई थी। बराती सज धजकर तैयार होने लगे थे। महिलाएं मंगलगीत गा रही थीं। झांसी से मेहमान पहुंच गए। दूल्हे के घर में शादी की रस्में शुरू हुई, दुल्हन को भी ब्यूटी पार्लर ले जाया गया। लेकिन दिल का दौरा पड़ने से दुल्हन की मौत से मातम पसर गया। देर रात तक दूल्हे के घर सैंकड़ों लोग जमा थे। बैंक्वट हॉल पर भी ताला लटक गया। भोपा क्षेत्र के मलपुरा गांव के रहने वाले डॉ. भारत भूषण लंबे समय से शहर के शांतिनगर में रह रहे हैं। होम्योपैथिक चिकित्सा में दूर तक उनकी पहचान है। शहर के अलावा देहात क्षेत्र से भी लोगों की दिनभर आवाजाही रहती है।
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होम्योपैथिक चिकित्सक भारत भूषण के बेटे डॉ. विजय से होनी थी शादी
मंगलवार रात उनके बेटे भोपा में क्लीनिक चलाने वाले डॉ. विजय भूषण का विवाह होना था, लेकिन डॉक्टर दुल्हन की मौत हो गई। घर पर आए मेहमान गमजदा हो गए। विश्वकर्मा चौक स्थित नाथ फार्म हाउस पर चल रही तैयारियां भी रोक देनी पड़ी दुल्हन का परिवार मूल रूप से अनूपशहर का रहने वाला है, लेकिन इन दिनों झांसी में रह रहा था। देर रात तक डॉक्टर के शांतिनगर स्थित आवास पर गम जताने वालों का तांता लगा है।
दिल के मरीजों के लिए खतरा है बदलता मौसम
धीरे-धीरे ठंड का मौसम जा रहा है। बावजूद यह मौसम भी दिल के मरीजों के लिए संवेदनशील है। इस मौसम में भी दिल के मरीजों को तकलीफ हो जाती है। हृदय रोग विशेषज्ञ के अनुसार आती और जाती ठंड में लोग लापरवाही करते हैं इसलिए यह नुकसानदेय होता है। ऐसे मौसम में भी सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
मौसम बदल रहा है, लेकिन ठंड अभी भी चरकरार है। ठंड के दिनों में ब्लड प्रेशर सामान्य से कुछ ज्यादा रहता है। जो दिल के रोगियों के लिए परेशानी का सबसे बड़ा कारण है। दिल के मरीजों में घबराहट, हाई ब्लड प्रेशर, सीने में दबाव या जकड़न बढ़ जाती है। मरीजों को इस मौसम में विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दे रहे हैं।
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ठंड के मौसम में दो कारणों से बढ़ जाते हैं दिल की बीमारी के मामले
हृदय रोग विशेषज्ञ डीएम कॉर्डियोलोजिस्ट डॉ. सत्यम राजवंशी के अनुसार, ठंड के मौसम में दो कारणों से दिल की बीमारी के मामले बढ़ जाते हैं। जिनमें पहला, ठंडी हवा के संपर्क में आने से दिल, दिमाग और सारे शरीर की धमनियों का (नसें) सिकुड़ जाना है।
ठंडी हवा और वायरल इंफेक्शन से सांस की नली में भी सूजन आती है। इससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है, खून में ऑक्सीजन की मात्रा कम होती है और दिल पर अतिरिक्त दवाव पड़ता है। सिकुड़ी हुई नसों में खून गाढ़ा होकर जमने की संभावना बढ़ जाती है।