नई दिल्ली। हिमाचल विधानसभा (Himachal Assembly) से अयोग्य घोषित कांग्रेस के छह विधायकों को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से मंगलवार को भी राहत नहीं मिली है। जस्टिस संजीव खन्ना, दीपांकर दत्ता और पीके मिश्रा की बेंच में मामले की अब अगली सुनवाई 18 मार्च को होगी। मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच ने पूछा कि अयोग्य घोषित विधायक हाईकोर्ट क्यों नहीं गए? हालात विधायकों ने उत्पन्न किए, तभी उन्हें अयोग्य घोषित किया गया। बता दें, प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया (Assembly Speaker Kuldeep Singh Pathania) के फैसले को बागियों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
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बागियों को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से अगर राहत मिली तो हिमाचल में (Himachal) फिर से सियासी तूफान मचेगा। विधायकों की अयोग्यता के फैसले पर रोक नहीं लगी तो सूबे के छह विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होंगे। कांग्रेस और भाजपा सहित देश और प्रदेश की जनता की नजरें भी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं। कांग्रेस के अयोग्य घोषित हो चुके विधायक चैतन्य शर्मा, देवेंद्र कुमार भुट्टो, इंद्र दत्त लखनपाल, राजेंद्र राणा, रवि ठाकुर और सुधीर शर्मा की ओर से याचिका दायर की गई है। याचिका में कांग्रेस के बागियों ने विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया (Assembly Speaker Kuldeep Singh Pathania) के साथ राज्य के संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान (State Parliamentary Affairs Minister Harshvardhan Chauhan) को भी पार्टी बनाया है।