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Hindenburg Research On Sebi : हिंडनबर्ग रिपोर्ट में 3 लिस्टेड कंपनियों का जिक्र, क्या होगा निवेशकों का ?

By संतोष सिंह 
Updated Date

Hindenburg Research On Sebi : अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च (American short-seller Hindenburg Research) ने अडानी समूह (Adani Group) से जुड़े मामले में शनिवार को एक बार फिर नया खुलासा किया है। इस बार हिंडनबर्ग के निशाने पर शेयर बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी)  प्रमुख माधवी पुरी बुच (SEBI chief Madhavi Puri Buch) और उनके पति हैं। इसके साथ ही हिंडनबर्ग ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कुछ कंपनियों का भी जिक्र किया है। ये वो कंपनियां हैं, जो शेयर बाजार (Stock Market) में लिस्टेड हैं। ऐसे में इस बात की आशंका है कि सोमवार को जब ट्रेडिंग की शुरुआत होगी तब इन शेयरों में हलचल देखने को मिल सकती है। इसके अलावा अडानी समूह (Adani Group) के शेयरों में भी उतार-चढ़ाव आ सकता है।

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कौन-कौन सी कंपनियां?

हिंडनबर्ग की ताजा रिपोर्ट में फाइनेंस सेक्टर से जुड़ी कंपनी IIFL के अलावा नेक्सस सेलेक्ट ट्रस्ट (Nexus Select Trust) का भी जिक्र है। ये दोनों कंपनियां शेयर बाजार में लिस्टेड हैं। IIFL के शेयर की कीमत बीएसई इंडेक्स पर 423 रुपये है। बीते शुक्रवार को शेयर में 2 फीसदी तक की गिरावट आई। वहीं, एनएसई (NSE) पर नेक्सस सेलेक्ट ट्रस्ट के शेयर की कीमत 137 रुपये है। बीते शुक्रवार को यह शेयर करीब 5 फीसदी टूटकर बंद हुआ। एक अन्य कंपनी माइंडस्पेस के शेयर की कीमत 343 रुपये है। बीते शुक्रवार को यह शेयर मामूली बढ़त के साथ बंद हुआ।

अडानी के शेयरों पर भी नजर

सोमवार को ट्रेडिंग के दौरान अडानी ग्रुप (Adani Group) के शेयरों पर भी नजर रहेगी। यह देखना अहम होगा कि हिंडनबर्ग के नए आरोपों को निवेशक किस नजरिए से देखते हैं। बता दें कि पिछले साल जनवरी महीने में हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद अडानी समूह (Adani Group) के शेयर बुरी तरह क्रैश हो गए थे।

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हिंडनबर्ग के आरोप

हिंडनबर्ग ने ताजा रिपोर्ट में आरोप लगाया कि सेबी की चेयरपर्सन माधवी बुच (Sebi Chairperson Madhavi Buch) और उनके पति के पास कथित अडानी फंड (Adani Fund) हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी। रिपोर्ट के मुताबिक सेबी ने अडानी के मॉरीशस और ऑफशोर शेल संस्थाओं के कथित अघोषित जाल में आश्चर्यजनक रूप से रुचि नहीं दिखाई है। कथित तौर पर समूह के चेयरमैन गौतम अडानी (Chairman Gautam Adani) के बड़े भाई विनोद अउानी अस्पष्ट ऑफशोर बरमूडा (Offshore Bermuda) और मॉरीशस फंडों को नियंत्रित करते थे। हिंडनबर्ग का आरोप है कि इन फंडों का इस्तेमाल फंड की हेराफेरी करने और समूह के शेयरों की कीमत बढ़ाने के लिए किया गया था। बता दें कि ऐसे फंड जो विदेशी बाजारों में निवेश करते हैं, उन्हें ऑफशोर फंड (Offshore Fund) कहते हैं। इन्हें विदेशी या अंतरराष्ट्रीय फंड (International Fund) भी कहते हैं।

IIFL का जिक्र

हिंडनबर्ग ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा- IIFL में एक प्रधान के हस्ताक्षर वाले फंड की घोषणा में कहा गया है कि निवेश का स्रोत ‘वेतन’ है और दंपति की कुल संपत्ति एक करोड़ अमेरिकी डॉलर आंकी गई है। हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि माधवी और धवल बुच (Dhaval Buch) की सक्रियता के बीच ब्लैकस्टोन ने माइंडस्पेस और नेक्सस सेलेक्ट ट्रस्ट (Nexus Select Trust) को स्पॉन्सर किया था, जो भारत का दूसरा और चौथा REIT था। इन दोनों कंपनियों को साल 2019 और 2020 में IPO के लिए SEBI की मंजूरी मिली थी।

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